पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस के निष्कासित युवा नेता शांतनु बंदोपाध्याय ने बुधवार को संकेत दिया कि सबूत उनके आवास पर रखे गए थे, जिससे उनकी गिरफ्तारी हुई।
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत में अपनी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बंदोपाध्याय ने कहा कि वह इतने मूर्ख नहीं हैं कि इस आधार पर 300 उम्मीदवारों की सूची अपने आवास पर सुरक्षित रख लें ताकि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी उनके खिलाफ सबूत के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकें।
उन्होंने ईडी द्वारा उनके खिलाफ आरोपों को भी खारिज कर दिया कि उन्होंने अपने घोटाले की आय से बड़ी संपत्ति खरीदी और जमा की। बंदोपाध्याय ने अदालत में दावा किया कि मैं एक मोबाइल की दुकान का मालिक था। इसलिए इस तरह के आरोप निराधार हैं।
हालांकि, उसके जवाबी तर्क में ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने सवाल किया कि राज्य द्वारा संचालित बिजली वितरण उपयोगिता के निचले स्तर के रखरखाव सहायक के रूप में बंदोपाध्याय ने 6,00,000 रुपये के मामूली वार्षिक वेतन से इतनी बड़ी संपत्ति कैसे अर्जित की।
ईडी के वकील ने कहा कि वह अपनी महज 6,00,000 रुपये की मामूली वार्षिक आय से 20 करोड़ रुपये की संपत्ति कैसे जमा कर सकते हैं? मैं कोर्ट से अनुरोध करूंगा कि केस डायरी पर एक नजर डालें और यह स्पष्ट हो जाएगा कि मामला कहां जा रहा है। मैं खुली अदालत में उन नामों का उच्चारण करने में असमर्थ हूं।
अंतत: दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष अदालत के न्यायाधीश ने बंदोपाध्याय की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS