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गुना में आदिवासी महिलाएं चला रही हैं आजीविका एक्सप्रेस सवारी वाहन

गुना में आदिवासी महिलाएं चला रही हैं आजीविका एक्सप्रेस सवारी वाहन

Updated on: 14 Nov 2021, 04:55 PM

गुना:

मध्य प्रदेश के गुना जिले की आदिवासी महिलाएं आजीविका एक्सप्रेस के जरिए आजीविका चला रही है। यह सवारी वाहन 60 किलो मीटर का रास्ता तय करता है और इससे होने वाली आय जनजातीय वर्ग की महिलाओं के परिवार की गाड़ी को सरपट दौड़ा रही है ।

ब्ताया गया है कि जिले के बमोरी विकासखंड की सिमरोद ग्राम पंचायत के ग्राम गागर खेड़ा की पटेलिया जनजाति की महिलाओं ने आजीविका के लिए अभिनव पहल की है। वे बिशनवाड़ा से गुना तक 11 सीटर आजीविका एक्सप्रेस चलाती हैं, जिससे न केवल सवारियों को सुविधा हुई है बल्कि अपने घर की रोजी-रोटी भी चला रही हैं।

बताया गया है कि इन महिलाओं ने सबसे पहले संगठित होकर कृष्णा स्व सहायता समूह बनाया। बैंक में खाता खोला तथा छोटी-छोटी बचत कर पूंजी बनाई। शासन की ओर से इन्हें वित्तीय सहायता भी प्राप्त हुई। इन्हें अपनी छोटी-छोटी आवश्यकताओं के लिए धन समूह के खाते से मिल जाता है। जब समूह को ग्रामीण आजीविका मिशन की ग्रामीण एक्सप्रेस योजना की जानकारी मिली तक बैंक में ऋण के लिए आवेदन किया। छह लाख रुपए का बिना ब्याज का ऋण मिला। इस ऋण से समूह ने 11 सीटर वाहन खरीदा जिसे वे बिशनवाडा से गुना के मध्य चलाती हैं।

स्व-सहायता समूह की महिलाएँ आशा बाई, नानीबाई, राधा, सूरतीबाई, सुनीता, गोरखीबाई, धूलीबाई और मंजू पटेलिया बताती हैं, बिशनवाड़ा एवं गुना की एक तरफ से दूरी 60 किलोमीटर है। विशनवाड़ा से गुना के मध्य सवारी वाहन कम होने की वजह से लोग परेशान होते थे। अब हम अपने इस समूह के वाहन से उन्हें आवागमन की सुविधा उपलब्ध करायेंगे। साथ ही हमें भी प्रतिदिन आमदनी होगी, जिससे हम सभी सदस्य वाहन की किश्त जमा कर शेष बची राशि को आपस में बाँट लेंगे।

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