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एक्सा के सहयोग से लगाए गए पेड़, तलाब बनाने का तरीका भी बताया गया

कोरोना काल में जहां पूरी दुनियां में हर प्रकार के कारोबार या तो ठप हो गए हैं या फिर उनमें बड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है लेकिन इस दौर में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पीपल बाबा का पेड़ लगाओ अभियान और तेजी से बढ़ रहा है.

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Yogendra Mishra
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प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

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कोरोना काल में जहां पूरी दुनियां में हर प्रकार के कारोबार या तो ठप हो गए हैं या फिर उनमें बड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है लेकिन इस दौर में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पीपल बाबा का पेड़ लगाओ अभियान और तेजी से बढ़ रहा है. गौरतलब है कि पीपल बाबा जिन्होंने 1977 से अपने पेड़ लगाओ अभियान की शुरुआत की थी अब और रफ्तार से जारी है.

पीपल बाबा की टीम में काफी समर्पित कार्यकर्ता हैं जो शनिवार और रविवार आकर पौधों की देखभाल और पानी देनें का कार्य करते हैं. इनकी टीम में विनीत वोहरा, अजीत गुप्ता, अजीत चौहान, नैय्यर आलम, राजेश पासवान, अक्षत, शाहिद, असगर, हरीथा कुमार और ज्योति आदि हैं जो काफी समय से पीपल बाबा के पेड़ लगाओ अभियान को सम्पन्न बनानें में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

इस सन्दर्भ में यह बात दीगर हैं कि पीपल बाबा के नेतृत्व में देश के 18 राज्यों में अब तक 2 करोड़ 10 लाख से ज्यादे पेड़ लगाये गए हैं. पीपल बाबा के पर्यावरण सम्वर्धन के कार्य में समर्पण को देखकर काफी कार्पोरेट्स और अधिकारी इन्हें हर समय मदद करते रहते हैं. उत्तर प्रदेश में नोएडा (सोरखा गावं), ग्रेटर नोएडा (मैंचा) और लखनऊ (रहीमाबाद) में तो इन्होने बड़े बड़े जंगलों का विकास कर दिया है.

पेड़ लगाने के लिए बनाए जाते हैं तालाब

पीपल बाबा ने पेड़ लगाने की प्रक्रिया को समझाते हुए कहा कि जिस गौरतलब है कि तालाब बनाने की प्रक्रिया finishing, water pit, composting और हैंडपम्प लगाने के साथ-साथ ही शुरू होती है. पूरे जंगल में पानी के लिए मात्र एक तालाब सबसे ज्यादे ढलान वाली जगह पर जहाँ पर gradients ज्यादे होते हैं, बनाया जाता है. तालाब के 10% हिस्से पर जलकुम्भी लगाई जाती है इससे मिट्टी तालाब में आने से रुक जाता है.

तालाब के सभी किनारों पर घास और पेड़ भी लगाए जाते हैं ये मिट्टी को जकड़ कर रखते हैं और तालाब में मिट्टी को जाने से रोकते भी हैं. यहाँ पर मुख्य बात यह है कि पीपल बाबा तालाब के एंट्री पॉइंट्स पर अम्ब्रेला पोम नामक घास लगाती यह यह घास वाटर फ़िल्टर का काम करती है. गौरतलब है कि वाटर पोम नामक घास पूरी दुनियां में पायी जाती है लेकिन जापान में इसका प्रयोग तालाब के जल के शुद्दिकरण के लिए खूब किया जाता है.

पीपल के आज एक दिवसीय पेड़ लगाओ कार्यक्रम में एक्सा-एक्स एल के कंट्री हेड अमित कुमार, नेहा, दिशा भाटिया, गीथ, वशीर आदि महत्वपूर्ण लोग शामिल रहे थे. गौरतलब है कि पीपल बाबा देश में हरियाली क्रांति नामक मुहीम छेड़ रखी है जिसके तहत उन्हें जहाँ कहीं भी लोगों के द्वारा बुलाया जाता है उनकी टीम वहां जाकर पेड़ लगाती है, हरियाली क्रांति का मिशन सम्पूर्ण हरियाली रखा गया है.

Source : News Nation Bureau

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