मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को ससुराल पक्ष से गिफ्ट में जमीन मिलने का मामला आयकर विभाग तक पहुंच गया है। कांग्रेस ने आयकर विभाग में दस्तावेजों सहित शिकायत कर संपत्ति को जब्त किए जाने की मांग की है। वहीं मंत्री राजपूत ने कांग्रेस पर बदनाम करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के. के. मिश्रा के नेतृत्व में आयकर विभाग के दफ्तर पहुंचकर मंत्री राजपूत एवं उनके परिवार के सदस्यों द्वारा बेनामी संपत्ति रखने के का आरेाप लगाते हुए दस्तावेज डिप्टी कमिश्नर अवध बिहारी पंवार केा सौंपे और शिकायत कर जांच किये जाने व संपत्ति जब्त किये जाने की मांग की।
मिश्रा ने शिकायत करते हुए कहा कि मंत्री राजपूत वर्ष 2020 से अब तक मंत्री हैं। वर्ष 2020 से 2022 तक उन्होंने गैरकानूनी तरीके से अकूत दौलत अर्जित की है, जिसके जरिए उन्होंने मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कई बेनामीदारों के नाम से अचल संपत्ति खरीदी है। ऐसे ही एक प्रकरण में राजपूत ने सागर जिले के ग्राम भापेल में एक जमीन खरीदी है, उन्होंने अपनी सास लाडकुंवर राजपूत के नाम से कल्पना सिंघई से खरीदी है। लाडकुंवर राजपूत एक गृहिणी हैं जिनकी उम्र 75 वर्ष है एवं उनका कोई स्वतंत्र आय का स्त्रोत नहीं है। इसलिए गोविंद सिंह राजपूत ने उक्त जमीन उनकी गैरकानूनी तरीके से अर्जित दौलत से खरीदी है। बाद में यह जमीन गिफ्ट डीड में अपने नाम ट्रांसफर करवा ली।
कांग्रेस का आरेाप है कि इसी तरह गोविंद सिंह राजपूत ने ग्राम भापेल स्थित एक अन्य जमीन उनके साले एवं सास के नाम से सितंबर 2021 को खरीदी है एवम बाद में वही जमीन अपनी धर्मपत्नी सविता सिंह को जुलाई-अगस्त 2022 में गिफ्ट करवा दी।
मिश्रा का दावा है कि गोविंद सिंह राजपूत के ससुराल पक्ष के लोग इतने आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है कि वे एक ही साल में ये जमीन खरीद कर गोविंद राजपूत को गिफ्ट कर दें। इतना ही नहीं राजपूत के ससुराल पक्ष के लोगों की आय के स्त्रोत इतने नहीं है कि वे ऐसी जमीन खरीद सकें।
कांग्रेस के इन आरोपों केा राजपूत ने राजनीतिक साजिश बताया है, साथ ही कहा है कि कांग्रेस पर षड्यंत्र रचकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS