बेहमई नरसंहार पर सोमवार को आएगा फैसला, फूलन ने 20 लोगों को गोलियों से भूना था!

जब फूलन महज 17 साल की थी तब उसी गांव के लालाराम और श्रीराम ने अपने 20 साथियों सहित फूलन के साथ कई दिनों तक गैंगरेप किया

जब फूलन महज 17 साल की थी तब उसी गांव के लालाराम और श्रीराम ने अपने 20 साथियों सहित फूलन के साथ कई दिनों तक गैंगरेप किया

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
बेहमई नरसंहार पर सोमवार को आएगा फैसला, फूलन ने 20 लोगों को गोलियों से भूना था!

फूलन देवी( Photo Credit : फाइल)

साल 1981 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में हुआ था बेहमई नरसंहार कांड, पिछले 39 सालों से केस चल रहा है. अब सोमवार को कानपुर का एक ट्रायल कोर्ट फैसला सुनाने जा रहा है. इस मामले में आरोप है कि डकैत से सांसद बनीं फूलन देवी ने 14 फरवरी साल 1981 को 20 लोगों को एक साथ लाइन में खड़ा करके गोलियों से भून दिया था जिसमें सभी लोग मारे गए थे. उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव में दलित जाति में पैदा हुई फूलन देवी को बेहमई गांव के ठाकुरों ने एक सप्ताह तक गैंगरेप किया और पूरे गांव में नंगा घुमाया था. जब फूलन इनकी कैद से बचकर भाग पाई तो कई महीनों के बाद 14 फरवरी 1981 को फूलन देवी दस्यु बनीं. अपने गिरोह के साथ 20 लोगों को बेहमई में मौत के घाट उतारा.

Advertisment

बताया जाता है कि जब फूलन महज 17 साल की थी तब उसी गांव के लालाराम और श्रीराम ने अपने 20 साथियों सहित फूलन के साथ कई दिनों तक गैंगरेप किया था और फूलन को नंगा करके पूरे गांव में घुमाया था. इसके बाद फूलन ने अपने शोषण का बदला लेने के लिए इस नरसंहार को अंजाम दिया था. इस नरसंहार ने देश-दुनिया में तहलका मचा दिया था. इसके बाद पुलिस ने डकैतों के खिलाफ अभियान चलाया और बीहड़ों से डकैतों का लगभग सफाया भी कर दिया था. पुलिस ने नरसंहार की एफआईआर में फूलन देवी, लल्लू गैंग, राम अवतार, मुस्तकीम और 35-36 अन्य डकैतों का आरोपी बनाया था.

यह भी पढ़ें-पुलिस कार्रवाई से प्रभावित लोगों से मिलकर प्रियंका ने कहा, अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे

जानकारी के मुताबिक, मारे गए इन 20 लोगों में से 17 लोग ठाकुर जाति के थे. फूलन देवी ने यह नरसंहार अपने साथ हुए गैंगरेप और अपमान के बाद बदला लेने के लिए किया था. यही बेहमई हत्याकांड था जिसे फूलन देवी ने डकैत बनने के बाद अंजाम दिया था इसी हत्याकांड का केस पिछले 39 सालों से चल रहा है. सरकारी वकील ने इस मामले में बताया है कि इस केस में शामिल आरोपियों के ट्रायल के दौरान ही फूलन देवी समेत 12 डकैतों की मौत हो चुकी है. साल 2001 में शमसेर सिंह राणा नामके व्यक्ति ने फूलन देवी को उनके आवास पर ही गोली मारकर हत्या कर दी थी.

यह भी पढ़ें-दिल्ली के जनकपुरी में मकान गिरा, 4 से 5 लोगों के दबने की आशंका, 9 लोगों को किया गया रेस्क्यू

इस हत्‍याकांड में मारे गए लोगों की विधवाएं आज तक न्‍याय की उम्मीद लगाए बैठीं हैं. आज की तारीख में इन विधवाओं में से महज 8 ही जीवित हैं, जो किसी तरह से अपना भरण-पोषण कर रही हैं कई सरकारें आईं और गईं लेकिन अब तक इन विधवाओं से किया हुआ विधवा पेंशन का वादा पूरा नहीं कर सकीं. इस गांव में बिजली तो है लेकिन कुछ ही समय तक आती है रात में गांव में अंधेरा ही कायम रहता है. 300 घरों वाला यह गांव मूलभूत सुविधाओं से अभी भी दूर है.

Source : News Nation Bureau

Phoolan Devi Sher Singh Rana Behmai Massacre Case Bandit Queen SP MP Phoolan Devi
      
Advertisment