पटाखा बैन के खिलाफ कारोबारी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, बेचने की मांगी इजाजत

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में सोमवार को पटाखा बिक्री पर रोक लगाई थी। इस आदेश के बाद पटाखा व्यापारियों ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से इस आदेश पर फिर से विचार करने की याचिका लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में सोमवार को पटाखा बिक्री पर रोक लगाई थी। इस आदेश के बाद पटाखा व्यापारियों ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से इस आदेश पर फिर से विचार करने की याचिका लगाई है।

author-image
Narendra Hazari
एडिट
New Update
पटाखा बैन के खिलाफ कारोबारी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, बेचने की मांगी इजाजत

पटाखा (प्रतीकात्मक)

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में सोमवार को पटाखा बिक्री पर रोक लगाई थी। इस आदेश के बाद पटाखा व्यापारियों ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से इस आदेश पर फिर से विचार करने की याचिका लगाई है।

Advertisment

कारोबारियों ने कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है कि लाइसेंसशुदा कारोबारियों पटाखे बेचने की इजाजत दी जाए। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई कर सकता है।

बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2016 के एक फैसले को बरकरार रखते हुए पटाखा कारोबारियों के लाइसेंस रद्द रखे और दिवाली पर पटाखा बिक्री पर प्रतिबंध भी जारी रखा।

सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान कहा था कि पटाखा कारोबारी अगले महीने से कुछ नियम-शर्तों के मुताबिक पटाखे बेच सकेंगे।

और पढ़ें: दिल्ली में पटाखा बैन पर SC के फैसले पर चेतन भगत ने उठाए सवाल, कहा-परंपरा का सम्मान करे कोर्ट

न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके सिकरी, न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने फैसले को बरकरार रखते हुए कहा था, 'हम यह देखना चाहते हैं कि दिवाली के समय में पटाखों की बिक्री संबंधी लाइसेंस को स्थगित करने के फैसले से इसका सकारात्मक असर क्या होता है।'

सोमवार को न्यायमूर्ति सीकरी ने पटाखों से होने वाले दुष्प्रभावों का हवाला देते हुए कहा था, 'इस दौरान हवा का स्तर खतरनाक रूप से बिगड़ जाता है और शहर में दम घूंटने जैसी स्थिति पैदा हो जाती है जिससे स्कूलों को बंद करना पड़ता है।'

और पढ़ें: SC का आदेश, दीपावली पर दिल्ली एनसीआर में नहीं बिकेंगे पटाखे

न्यायालय ने कहा कि यह स्थिति पिछले वर्ष नवंबर में दिवाली के बाद सुबह पैदा हुई थी और इस वजह से 11 नवंबर 2016 को इस संबंध में आदेश पारित करना पड़ा था। न्यायालय के आदेश के अनुसार, 'यह आदेश पिछले वर्ष दिया गया था लेकिन इस आदेश का असर और प्रभाव अभी देखा जाना बाकी है।'

Source : News Nation Bureau

Supreme Court delhi दिल्ली-NCR Firecrackers permission traders
Advertisment