1952 में देश की शान के लिए निकली थी ट्रैक्टर रैली, इस बार सरकार को आंख दिखाने के लिए निकलेगी

11वें दौर की बातचीत के बाद भी किसान आंदोलन अभी मुकाम तो छोड़िए, पड़ाव तक भी नहीं पहुंचा है. अब किसानों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्‍टर रैली निकालने का संकल्‍प लिया है.

11वें दौर की बातचीत के बाद भी किसान आंदोलन अभी मुकाम तो छोड़िए, पड़ाव तक भी नहीं पहुंचा है. अब किसानों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्‍टर रैली निकालने का संकल्‍प लिया है.

author-image
Sunil Mishra
New Update
Tractor Rally 1952

1952 में देश की शान के लिए निकली थी ट्रैक्टर रैली, इस बार सरकार को....( Photo Credit : Twitter)

11वें दौर की बातचीत के बाद भी किसान आंदोलन अभी मुकाम तो छोड़िए, पड़ाव तक भी नहीं पहुंचा है. अब किसानों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्‍टर रैली निकालने का संकल्‍प लिया है और रूट को लेकर किसानों की दिल्‍ली पुलिस से सहमति बन भी गई है. इससे पहले 1952 में भी ट्रैक्‍टर रैली निकाली गई थी. उस समय बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत दिल्‍ली के रीगल सिनेमा के सामने वाले मैदान में और लालकिले में हुआ था. महात्मा गांधी के मनपसंद गीत 'अबाइड विद मी' की धुन सेना बैंड ने पहली बार बजाई और तब से हर साल यही धुन बजती है. इस परेड में ट्रैक्टर भी शामिल हुए थे. ट्रैक्टर झांकी में सफेद कबूतर को दिखाया गया था, जिसका मतलब था कि भारत केवल शांति को पसंद करता है.

Advertisment

हर ट्रैक्‍टर पर होगा तिरंगा, पूर्व सैनिक दे रहे किसानों को ट्रेनिंग : इस बार जो किसानों की तैयारी है, उसके अनुसार जिस तरह की झांकी होगी, उसी तरह उन राज्यों के किसानों की वेष-भूषा भी होगी. किसान संगठनों के झंडों के साथ हर ट्रैक्‍टर पर तिरंगा झंडा भी होगा और देशभक्‍ति गीत भी बजेंगे. 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के लिए कई पूर्व सैनिक किसानों को परेड की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं.

किसानों के अलावा इस परेड में पूर्व सैनिक, मेडल विजेता, खिलाड़ी और महिलाओं के अलावा किसान आंदोलन में शहीद किसानों के परिजनों को भी बुलाने की कोशिश की जा रही है. रैली को समर्थन देने के लिए दिल्‍ली की जनता से भी खुली अपील की गई है. हालांकि इस रैली को देखने के लिए किसी तरह की वीआईपी टिकट की जरूरत नहीं होगी. 

1955 में पहली बार राजपथ पर शुरू हुई थी गणतंत्र दिवस की परेड : 26 जनवरी, 1950 को पहली गणतंत्र दिवस परेड राजपथ पर नहीं हुई थी, बल्‍कि इरविन स्टेडियम (आज का नेशनल स्टेडियम) में हुई थी. 1950-1954 के बीच दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह कभी इरविन स्टेडियम, किंग्सवे कैंप, लाल किला तो कभी रामलीला मैदान में हुआ करता था. 1955 में पहली बार राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड शुरू हुई थी. 

आखिर क्‍यों खास है 26 जनवरी : भारत का संविधान 26 जनवरी को लागू किया गया था. इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं. गणतंत्र दिवस पर हर साल राजपथ पर परेड आयोजित की जाती है और दुनिया को तीनों सेनाओं के शौर्य से रूबरू कराया जाता है. इसके अलावा इस दिन हर राज्‍य की झांकी राजपथ पर निकाली जाती है. परेड में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्‍य अतिथि विदेशी मेहमान के अलावा हजारों लोग भाग लेते हैं. इस कारण 26 जनवरी को लेकर सुरक्षा व्‍यवस्‍था पुख्‍ता की जाती है.

इस बार गणतंत्र दिवस पर कोई विदेशी मेहमान नहीं होगा, क्‍योंकि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्‍ट्रेन के चलते वहां के पीएम बोरिस जॉनसन ने बतौर मुख्‍य अतिथि गणतंत्र दिवस में शिरकत करने से मना कर दिया था. 

Source : News Nation Bureau

farmers-protest kisan-andolan republic-day किसान आंदोलन गणतंत्र दिवस tractor parade Tractor Rally 1952 Outer Ring Road ट्रैक्‍टर परेड
Advertisment