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Toolkit case: ग्रेटा और दिशा के बीच हुई व्हाट्सएप चैट, पढ़ें यहां

Toolkit case : टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस रोजाना नए-नए खुलासे कर रही है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि 'टूलकिट' जांच मामले में पूछताछ के दौरान दिशा रवि ने निकिता और शांतनु पर आरोप लगाया है.

Updated on: 19 Feb 2021, 05:18 PM

नई दिल्ली:

Toolkit case : टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस रोजाना नए-नए खुलासे कर रही है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि 'टूलकिट' जांच मामले में पूछताछ के दौरान दिशा रवि ने निकिता और शांतनु पर आरोप लगाया है. दो दिन की पूछताछ के बाद पुलिस ने शुक्रवार को फिर से दिल्ली की अदालत में पेश किया है. इस दौरान पुलिस ने दिशा रवि को अभी तीन दिन के लिए जेल भेजने की मांग की है. हालांकि, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को झटका देते हुए दिशा को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इस बीच टूलकिट को लेकर ग्रेटा थनबर्ग और दिशा रवि के बीच एक व्हाट्सएप चैट मीडिया में आया है. आइये हम आपको उन दोनों को व्हाट्सएप पढ़ाते हैं... 

ग्रेटा थनबर्ग : बड़ा अच्छा होता अगर ये अभी तैयार होता, इसके चक्कर में मुझे कई धमकियां मिलती. इसने तो हंगामा खड़ा कर दिया

दिशा रवि : SHIT, SHIT अभी भेज रही हूं. क्या तुम टूल किट को बिल्कुल ट्वीट नहीं कर सकती हो क्या अभी हम कुछ भी नहीं बोल सकते? मैं वकीलों से बात करती हूं. I am sorry, इस पर हमारा नाम है और हमलोगों के खिलाफ UAPA के तहत कार्रवाई हो सकती है. क्या तुम ठीक हो?

ग्रेटा थनबर्ग : मुझे कुछ लिखना है.

दिशा रवि : क्या तुम मुझे 5 मिनट दे सकती हो, मैं वकीलों से बात कर रही हूं.
 
ग्रेटा थनबर्ग : कई बार इस तरह की नफरत वाली आंधी आती है और ये वाकई जबरदस्त होती हैं.

दिशा रवि : पक्का, मुझे माफ करना, हम सब डर गए क्योंकि यहां हालात खराब होने लगे हैं. लेकिन हम ये सुनिश्चित करेंगे कि तुम पर आंच न आए. हमें सभी सोशल मीडिया हैंडल को डिएक्टिवेट करना होगा.

दिल्ली पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, ड्राफ्ट बॉक्स के जरिए होता था 'साजिश' का आदान-प्रदान

दिल्ली पुलिस ने बताया कि दिशा रवि और जूम मीटिंग में शामिल होने वाले सभी लोग एक ही ई-मेल अकाउंट का इस्तेमाल कर रहे थे. पुलिस के मुताबिक आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा ईमेल अकाउंट पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने बनाया था. इस ईमेल अकाउंट का आईडी और पासवर्ड आरोपियों के ग्रुप के सभी सदस्यों को दिया गया था. पुलिस ने इस पूरे मामले में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी एक-दूसरे को मेल भेजने के बजाए ड्राफ्ट में सेव कर लेते थे, जिससे अकाउंट का इस्तेमाल कर रहे सभी लोग ड्राफ्ट बॉक्स में जाकर उन सभी संदेशों को प्राप्त कर लेते थे.

पुलिस ने बताया कि टूलकिट मामले से जुड़े सभी आरोपी भविष्य में किसी भी प्रकार की सुरक्षा जांच से बचने के लिए मेल भेजने के बजाए ड्राफ्ट में सेव करते थे. दिल्ली पुलिस ने बताया कि मामले में आरोपी निकिता जैकब को मिस थिलक नाम की एक महिला ने पीजेएफ में शामिल कराया था. इस पूरे मामले में पुलिस ने शुभम नाम के एक शख्स का भी जिक्र किया है. बताया जा रहा है कि शुभम मिस थिलक के साथ वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़ा हुआ था.