logo-image

टूलकिट मामला: दिशा रवि की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू

आरोपी दिशा रवि ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी देकर मांग की है कि जांच से जुड़े मटेरियल मीडिया के साथ शेयर न किए जाएं.

Updated on: 19 Feb 2021, 11:37 AM

highlights

  • दिशा रवि की याचिका पर सुनवाई शुरू
  • दिल्ली हाई कोर्ट में हो रही है सुनवाई
  • दिशा रवि के लिए कोर्ट में पेश हुए हैं कपिल सिब्बल

नई दिल्ली:

टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस को लगातार बड़ी लीड हाथ लग रही है. इस पूरे मामले में आरोपी दिशा रवि ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी देकर मांग की है कि जांच से जुड़े मटेरियल मीडिया के साथ शेयर न किए जाएं. इसके साथ ही दिशा ने ये भी मांग की है कि कोर्ट मीडिया संस्थानों पर उसके वॉट्सऐप चैट को प्रकाशित या प्रसारित करने से रोक लगाए. दिशा रवि की इसी याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक कोर्ट में दिशा रवि की ओर से कपिल सिब्बल पेश हुए है. उन्होंने कई मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट का हवाला दिया कि कैसे पुलिस सूत्रों के हवाले से दिशा रवि के कथित वॉट्सऐप चैट को लेकर खबरे चल रही हैं. पुलिस ट्वीट कर मीडिया को एड्रेस कर रही है. ट्वीट में वे बातें भी कही जा रही हैं जो FIR और रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं हैं.

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने एक इंग्लिश न्यूज पोर्टल न्यूज 18 की खबर का जिक्र किया कि कैसे पुलिस ने दिशा रवि से क्या पूछा, उसने क्या बताया, ऐसी खबर पुलिस सूत्रों के हवाले से चल रही है. दलीलों के दौरान सिब्बल ने केंद्र सरकार के सर्कुलर का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि सरकार के सर्कुलर के मुताबिक FIR दर्ज करने, चार्जशीट दायर होने और गिरफ्तारी के वक्त ही प्रेस ब्रीफिंग होनी चाहिए.

सिब्बल ने कहा कि इस मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है, जांच जारी है तो फिर जांच को लेकर ब्रीफिंग की जरूरत क्या है. सरकार का सर्कुलर कहता है कि आरोपी के मानवाधिकार, उसकी निजता का ध्यान रखा जाना चाहिए. ब्रीफिंग सिर्फ केस के तथ्यों को लेकर होनी चाहिए, लेकिन यहां तो ब्रीफिंग में सब कुछ हो रहा है. उन्होंने कहा कि जांच की हर बारीक बात से लेकर अपनी राय और अनुमान भी बताए जा रहे हैं.

मामले में ASG एसवी राजू ने कहा कि जांच की जानकारी लीक होना गैरकानूनी है और पुलिस ने न तो ऐसा किया है और न ही ऐसा कुछ इरादा रखती है. मीडिया जो पुलिस सूत्रों का अपनी स्टोरी में हवाला दे रहा है, जरूरी नहीं वह सच ही हो. ऐसा भी हो सकता है कि वे अपने असल सूत्र को छिपाने के लिए पुलिस का हवाला दे रहे हैं. इतने लोगों से पूछताछ हो रही है, कोई भी जानकारी लीक कर सकता है. हां, अगर पुलिस की छवि को खराब करने के लिए बयान दिए जा रहे है तो उसके खंडन के लिए पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस करती है तो ये कहीं से भी गाइडलाइंस का उल्लंघन नहीं है.