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Toolkit Case: मंगलवार तक जेल में रहेगी दिशा रवि, कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिशा का अपराध कोई छोटा मोटा नहीं है. सबूत मिटाए हैं. जमानत नहीं मिलनी चाहिए. वहीं, दिशा के वकील ने जमानत के लिए कई बार दलील दी.

Updated on: 20 Feb 2021, 06:23 PM

नई दिल्ली :

टूलकिट मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में दिशा रवि की जमानत याचिका पर शनिवार को सुनावई हुई. दिल्ली पुलिस और दिशा रवि के वकील में बहस हुई. कोर्ट ने दोनों पक्षों से सवाल सवाल पूछे. दिल्ली पुलिस ने इस दौरान कहा कि दिशा का अपराध कोई छोटा मोटा नहीं है. सबूत मिटाए हैं. जमानत नहीं मिलनी चाहिए. वहीं, दिशा के वकील ने जमानत के लिए कई बार दलील दी. वहीं, कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. कोर्ट दिशा रवि की बेल पर फैसला मंगलवार को सुनाएगा. फिलहाल, मंगलवार तक टूलकिट मामले में आरोपी दिशा रवि जेल में रहेगी.

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा

दिशा रवि ने पुलिस पूछताछ में झूठ बोला, टूल किट को लेकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की.हमे  कुछ पॉइंट्स पर उसे confront करना है. व्हाट्सएप्प chat शो करता है कि वो टूल किट बनाने और एडिट करने में शामिल थी. हमारे पास उसके खिलाफ सबूत है. जब हमने सबूत दिखाए, उसका झूठ पकड़ा गया . ये तो शुरुआती जांच की बात है. क्या कुछ और डिलीट हुआ , इसके लिए हमे इसे FSL को भेजना होगा. ASG - ये लोग चाहते थे कि लोग दिल्ली आए. जो कुछ दिल्ली में 26 जनवरी को हुआ, इनकी वजह से हुआ. ASG ने एक अन्य वेवसाईट का जिक्र किया - ASK indiaWHY का जो कथित तौर पर अलगावादी संगठन से जुड़ी है.

कोर्ट का सवाल

क्या पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन एक प्रतिबंधित संगठन है. ASG - नहीं,ये प्रतिबंधित संगठन नहीं है. जज- क्या धालीवाल या अनीता  के खिलाफ  अभी  FIR पेंडिंग है. ASG - मुझे अभी कोई FIR लंबित होने की जानकारी नहीं है, आगे हो सकती है. कोर्ट- तब उन पर कैसे सवाल उठाए जा सकते है. क्या उन पर जो आरोप रखे गए है, उसको साबित करने के लिए पुख्ता सबूत भी है!. PP इरफान अहमद- पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन और सिख फ़ॉर जस्टिस का मकसद एक ही है. धालीवाल के खिलाफ सबूत है जिसमें वो खुलकर ख़ुद को अलगाववादी बता रहा है.

11 जनवरी को हुई मीटिंग में अनिता, धालीवाल दोनो थे. शांतनु और निकिता भी थे.

अनिता लाल पोएटिक जस्टिस की संस्थापक सदस्यों में से एक है. 11 जनवरी को हुई मीटिंग में अनिता, धालीवाल दोनो थे. शांतनु और निकिता भी थे. इसके बाद उन्होंने व्हाट्सएप्प पर बात की और 20 जनवरी को टूल किट बनाई गई. जज - अगर मैं किसी आंदोलन से भावनात्मक रूप से जुड़ा हूँ और इस सिलसिले मैं कुछ ऐसे लोगों से मिलता हूँ, जिनका तरीका अलग है तो उनलोगों पर लगे आरोपों के साथ आप मुझे कैसे जोड़ेंगे. ASG - ये वो लोग हैं जो अपने मकसद के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखते है. हर किसी को धालीवाल का पता है.

ASG -साजिश में सबका रोल एक जैसा नहीं होता. इस टूल किट से हिसा को उकसावा मिला. किसी ने झंडा फहराया . टूल किट में लगातार दिल्ली जाने की बात हो रही है. उसके बाद ये सब घटनाएं हुई.