Toolkit Case: दिशा रवि ने मीडिया पर उतारी भड़ास, सोशल मीडिया पर लिखी ये बात

22 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा ए. रवि ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने चार पेज के बयान पोस्ट किए. अपने बयान में यह कहते हुए कि वह अभी भी जलवायु न्याय (क्लाइमेट जस्टिस) के लिए लड़ रही हैं.

22 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा ए. रवि ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने चार पेज के बयान पोस्ट किए. अपने बयान में यह कहते हुए कि वह अभी भी जलवायु न्याय (क्लाइमेट जस्टिस) के लिए लड़ रही हैं.

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Ravindra Singh
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दिशा-रवि( Photo Credit : आईएएनएस)

कथित टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा अपनी गिरफ्तारी के एक महीने बाद, 22 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा ए. रवि ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने चार पेज के बयान पोस्ट किए. अपने बयान में यह कहते हुए कि वह अभी भी जलवायु न्याय (क्लाइमेट जस्टिस) के लिए लड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि उनकी स्वायत्तता का उल्लंघन तब हुआ जब उनकी तस्वीरें केवल टीआरपी के लिए सभी समाचार चैनलों पर दिखाई गईं. उन्होंने कहा कि टीआरपी, रेटिंग के भूखे चैनलों ने उन्हें अपराधी ठहरा दिया.

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किसानों के विरोध को समर्थन देने वाले एक ऑनलाइन दस्तावेज के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने 13 फरवरी शुक्रवार देर रात उन्हें बेंगलुरु स्थित उनके आवास से देर रात गिरफ्तार किया था. हालांकि, 10 दिन बाद, उन्हें दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी थी. अपने चार पेज के बयान के साथ, उन्होंने यह भी लिखा है कि मैं अपनी कहानी जो मेरा अपनी है, उसे पेश कर रही हूं.

उन्होंने कोर्ट ट्रायल के अनुभव का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, यह मेरे व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित है और किसी भी जलवायु आंदोलन, समूह, या संगठन की राय का प्रतिनिधित्व नहीं करता है. उन्होंने अपने चार पेज के बयान को एक आदिवासी स्कूल टीचर सोनी सोरी का हवाला देते हुए समाप्त किया जो छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा के सामेली गांव में बाद में टीचर से आम आदमी पार्टी की नेता बन गईं.

मुझे अपना बचाव करना हैः दिशा रवि
अपने बयान में याद करते हुए, उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें अदालत में पहली सुनवाई में वकील नहीं दिया गया था और पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था. उन्होंने कहा, जैसा कि मैं कोर्टरूम में खड़ी थी और वकीलों की राह देख रही थी. मैं इस तथ्य के साथ आई थी कि मुझे अपना बचाव करना है. मुझे नहीं पता था कि कोई कानूनी सहायता उपलब्ध थी या नहीं. इससे पहले कि मैं जान पाती, मुझे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

टूलकिट दिशा निर्देशों की एक सीरीज का पता चला था
इसके पहले आपको बता दें दिल्ली पुलिस ने दलील दी थी कि किसानों के विरोध को समर्थन देने के लिए स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा ट्वीट किए गए गूगल दस्तावेज को दिशा रवि और दो अन्य कार्यकर्ताओं - जैकब और मुलुक द्वारा बनाया गया था. हालांकि, बाद में ग्रेटा ने इसे डिलीट कर दिया था. 'टूलकिट' दिशानिर्देशों की एक श्रृंखला है जो यह बताता है कि किसी विशेष उद्देश्य को कैसे प्राप्त किया जा सकता है. टूलकिट विषयों की व्याख्या करने वाली कार्ययोजनाओं का चार्ट तैयार करता है और उन सुझावों को प्रस्तुत करता है जिनका पालन करके विशेष लक्ष्य प्राप्त किए जा सकते हैं.

HIGHLIGHTS

  • दिशा रवि ने मीडिया पर लगाया आरोप
  • TRP की होड़ में मीडिया ने मुझे दोषी ठहराया
  • क्लाइमेट जस्टिस के लड़ रही हूंः दिशा रवि
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