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चंद्रशेखर आजाद और बाल गंगाधर तिलक की जयंती आज, मोदी-शाह ने किया नमन

भारत की आजादी (Freedom of India) के इतिहास में क्रांतिकारियों (Revolutionary) की भी अहम भूमिका रही है. इन सब में चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) बहुत ही अलग तरह के क्रांतिकारी थे. 23 जुलाई 1906 को जन्में आजाद बहुत ही निराले क्रांतिकारी थे.

Updated on: 23 Jul 2021, 10:01 AM

नई दिल्ली:

भारत की आजादी (Freedom of India) के इतिहास में क्रांतिकारियों (Revolutionary) की भी अहम भूमिका रही है. इन सब में चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) बहुत ही अलग तरह के क्रांतिकारी थे. 23 जुलाई 1906 को जन्में आजाद बहुत ही निराले क्रांतिकारी थे. आजाद ने 25 साल की उम्र में ही देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी थी. वहीं, आज़ादी के आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की भी जयंती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत की दिग्गजों ने इस मौके पर दोनों को नमन किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बालगंगाधर तिलक, चंद्रशेखर आजाद को नमन किया. पीएम मोदी ने लिखा कि भारत माता के सपूत चंद्रशेखर आजाद को उनकी जयंती पर नमन. अपने युवा दिनों में उन्होंने देश को आजाद करने के लिए खुद को झकझोर दिया था. 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा- चंद्रशेखर आजाद का शौर्य ऐसा था कि अंग्रेज भी उनके सामने नतमस्तक हो जाते थे. आजाद ने बचपन से ही आजाद भारत के विचार को जिया व चरितार्थ किया और अंतिम सांस तक आजाद रहे. उनके बलिदान ने स्वाधीनता की जो लौ जगाई वो आज हर भारतवासी के ह्रदय में देशभक्ति की अमर ज्वाला बन धधक रही है.

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने भी ट्वीट कर अंग्रेजी हुकूमत से भारत की राजनीतिक, आर्थिक व सांस्कृतिक स्वतंत्रता के प्रबल पक्षधर लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की जन्म जयंती पर श्रद्धापूर्ण नमन. स्वदेशी उद्यमशीलता से ओत-प्रोत आपके विचार हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे. असाधारण वीरता व अदम्य साहस के पर्याय, राष्ट्रभक्ति की प्रतिमूर्ति, स्वाधीनता संग्राम के प्रणेता अमर हुतात्मा चंद्रशेखर आजाद को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि.

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चंद्रशेखर आजाद जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन किया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा- देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले, अमर बलिदानी चंद्रशेखर आजाद जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन. आपने अपने अदम्य साहस, वीरता और राष्ट्र भक्ति से अंग्रेज़ी हुकूमत की नींव हिला दी. राष्ट्र के प्रति आपका असीम समर्पण आने वाली पीढ़ियों को युगों-युगों तक प्रेरणा देगा.

 

आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को प्रांतीय राज्य आलिराजपुर के भाभरा गांव में हुआ था जदो आज मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में पड़ता है. चंद्रशेखर तिवारी के पिता का नाम सीताराम तिवारी और माता का नाम जगरानी देवी था. साल 1925 में कोकोरी षड़यंत्र में आजाद भी शामिल थे, लेकिन वे दूसरे क्रांतिकारियों की तरह कभी भी अंग्रेजों के हत्थे नहीं चढ़े. जब योजना के मुताबिक काकोरी से खजाना लूटकर सभी क्रांतिकारी लखनउ आए तो आजाद को  छोड़ सबने अपने तय ठिकाना पर रात बिताई, लेकिन आजाद ने एक पार्क में रात बिताना तय किया. बताया जाता है कि उन्होंने पूरी रात बेंच पर ही बैठकर बिताई थी. अंग्रेजों ने काकोरी कांड के प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया और सभी आरोपियों को पकड़ा, लेकिन वे आजाद के जिंदा ना पकड़ सके.