नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का रोष बढ़ता जा रहा है. बीते 10 दिनों से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं. हालांकि इस मसले को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है. अब तक 4 दौर की बातचीत हो चुकी है, जिसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. किसान कानूनों को खत्म करने की अपनी मांग पर अड़े हैं. आज एक बार फिर केंद्र सरकार इस मसले का हल निकालने के लिए किसानों के साथ बातचीत करने जा रही है.
माना जा रहा है कि आज पांचवे दौर की बैठक में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कृषि कानूनों पर आर-पार का फैसला ले सकती है. जिसके लिए आज प्रधानमंत्री आवास पर उच्च स्तरीय बैठक हो रही है. इस बैठक में शामिल होने के लिए गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पीएम आवास पहुंच चुके हैं.
इस उच्च स्तरीय बैठक के बाद सरकार की ओर से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों के साथ बातचीत करेंगे. माना जा रहा है कि सरकार ने गतिरोध खत्म करने के लिए उन प्रावधानों का संभावित हल तैयार कर लिया है, जिन पर किसानों को ऐतराज है. कहा यह भी जा रहा है कि सरकार किसानों को लिखित आश्वासन दे सकती है. इस बैठक से पहले एक नरेंद्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई है कि निश्चित रूप से किसान सकारात्मक दिशा में सोचेंगे और आंदोलन का रास्ता छोड़ेंगे.
उधर, किसान अपने रुख पर अड़े हुए हैं और सरकार को सीधे तौर पर चुनौती दे रहे हैं. किसान कह रहे हैं कि अगर आज की बातचीत विफल रही तो वह यहां से दिल्ली की तरफ कूच करेंगे. किसानों का कहना है कि वह चाहते हैं कि तीनों कानून वापस हों, इससे कम में वह मानने वाले नहीं. किसानों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ 8 दिसंबर को 'भारत बंद' का भी ऐलान किया है.
यही नहीं, किसान संगठन आज केंद्र सरकार और कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन भी करेंगे. दरअसल, किसान समुदाय को आशंका है कि केन्द्र सरकार के कृषि संबंधी कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों की अनुकंपा पर छोड़ दिया जाएगा. हालांकि सरकार लगातार कह रही है कि नए कानून किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे और इनसे कृषि में नई तकनीकों की शुरूआत होगी.
Source : News Nation Bureau