तमिलनाडु का स्वास्थ्य विभाग वैक्सीन जागरूकता पर घर-घर जाकर अभियान चलाएगा, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में टीके को लेकर लोगों की हिचकिचाहट को कम करना है।
तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे. राधाकृष्णन ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता जनसंख्या डेटा का उपयोग उन लोगों की सूची तैयार करने के लिए करेंगे, जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली है।
स्वास्थ्य विभाग ने शहरी और गांव की नर्सों को उन लोगों की सूची बनाने के लिए निर्देश दिया है, (जो अमाक्कलाई थेडी मारुथवम योजना के तहत लोगों को उनके घर पर दवा पहुंचाती हैं) जिन्हें टीका नहीं लगाया गया है।
विभाग ने अपने विश्लेषण में पाया है कि मंगलवार तक राज्य में 31 फीसदी लोगों ने अभी तक वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं ली है, जबकि 29 फीसदी लोगों ने दोनों खुराक ली हैं।
पहली खुराक का राष्ट्रीय औसत 75 प्रतिशत से ऊपर है और तमिलनाडु इसमें पिछड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने किसी तरह आबादी का टीकाकरण करने के लिए नई योजना तैयार की है।
विभाग के एक अध्ययन में पाया गया है कि टीकाकरण के संबंध में जिलों में गड़बड़ियां थीं - जैसे चेन्नई, कांचीपुरम, कोयंबटूर, नीलगिरी और तिरुपुर में पहली खुराक के लिए लगभग 80 प्रतिशत टीका कवरेज है, जो राष्ट्रीय औसत से ऊपर है। हालांकि, तिरुप्पटूर जैसे जिलों में, वेल्लोर, मायलादुथुराई और रानीपेट में 60 प्रतिशत से कम वयस्क हैं, जिन्होंने टीके की पहली खुराक ली है।
राज्य के वरिष्ठ नागरिक वैक्सीन कवरेज में पिछड़ गए हैं और मंगलवार तक विभाग के अनुसार 1.04 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों में से केवल 47 प्रतिशत ने ही वैक्सीन की पहली खुराक ली है, जबकि 23 प्रतिशत ने दोनों खुराक ली हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों को प्रत्येक जिले में उन क्षेत्रों की पहचान करने का भी निर्देश दिया है, जहां वैक्सीन कवरेज कम है।
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Source : IANS