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तमिलनाडु दुग्ध को-ऑपरेटिव्स ने 30 करोड़ रुपये की अनियमितता से जुड़े मामले में पूर्व मंत्री की भूमिका की जांच की

तमिलनाडु दुग्ध को-ऑपरेटिव्स ने 30 करोड़ रुपये की अनियमितता से जुड़े मामले में पूर्व मंत्री की भूमिका की जांच की

Updated on: 31 Dec 2021, 06:55 PM

चेन्नई:

तमिलनाडु की दुग्ध सहकारी संस्था आविन की विजिलेंस टीम, जिसने संगठन में 30 करोड़ रुपये की अनियमितता पाई है, इसमें पूर्व डेयरी मंत्री राजेंद्र भालाजी की संलिप्तता की जांच कर रही है।

भालाजी 17 दिसंबर से फरार हैं, क्योंकि मद्रास उच्च न्यायालय ने उन्हें नौकरी का झांसा देकर 3 करोड़ रुपये ठगने के मामले में अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। पूर्व मंत्री के खिलाफ दो मामले दर्ज हैं।

आईएएनएस ने गुरुवार को खबर दी थी कि आविन के विजिलेंस विंग द्वारा की गई जांच में दुग्ध सहकारी से प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू बनाने के लिए घी की बिक्री में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार पाया गया है।

आविन के सूत्रों ने बताया कि विजिलेंस टीम ने कंपनी परिसर में सोलर पैनल लगाने में एक करोड़ रुपये की अनियमितताएं पाई हैं और इससे भी ज्यादा, ये शुरूआत से ही काम नहीं कर रही थीं। विजिलेंस टीम द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि सौर पैनल घटिया गुणवत्ता के थे और बिल्कुल भी काम नहीं कर रहे थे।

दूध ढोने वाली वैन से जुड़े जीपीआरएस उपकरण भी काम नहीं कर रहे थे और उन्हें गलत स्थिति में भी लगाया गया था।

दुग्ध सहकारी के सूत्रों के अनुसार, ये प्रतिष्ठान 2019 और 2020 के दौरान बनाए गए थे, जब भालाजी संस्था के शीर्ष पर थे। उन्होंने कहा कि इन जीपीआरएस उपकरणों पर अनुमानित एक करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

जांच में यह भी पाया गया कि इन घटिया उत्पादों को खरीदने के लिए दुग्ध सहकारी के कोष से 30 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल किया गया था।

अधिकारियों के अनुसार, यह स्पष्ट था कि भ्रष्टाचार हुआ था और वे अब पूर्व मंत्री द्वारा निभाई गई भूमिका का पता लगा रहे हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.