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तमिलनाडु वन विभाग हाथियों की मौत की जांच के लिए बुलाएगा जनसभा

तमिलनाडु वन विभाग हाथियों की मौत की जांच के लिए बुलाएगा जनसभा

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IANS
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TN Foret

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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तमिलनाडु वन विभाग, गैर सरकारी संगठनों के साथ राज्य में विशेष रूप से कोयंबटूर रेंज में हाथियों की मौत के बढ़ने पर प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए जनसभा आयोजित करेगा।

गुरुवार को कोयंबटूर वन क्षेत्र से एक मादा हाथी का शव बरामद किया गया। पोस्टमार्टम के बाद पता चला कि करीब एक सप्ताह पहले 10 वर्षीय हाथी की मौत लीवर की बीमारी से हुई थी।

विभाग के मुख्य वन्यजीव वार्डन सैयद मुज्जम्मल अब्बास ने शुक्रवार को एक समिति गठित करने का आदेश जारी किया, जिसमें अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक आई. अनवरदीन, आईएफएस अधिकारी और कोयंबटूर स्थित एनजीओ ओसाई के अध्यक्ष शामिल थे, जो हाथी की मौत के कारणों का अध्ययन करेंगे।

विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पिछले साल राज्य में 20 से ज्यादा हाथियों की मौत हुई थी।

सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि विभाग ने कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की है, लेकिन जल्द ही इस मामले का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा।

समिति यह भी पता लगाना चाहती है कि क्या इन हाथियों की कुछ विशिष्ट बीमारियां उनकी मौत का कारण बन रही हैं।

चूंकि अवैध शिकार भी एक अन्य कारण है, समिति इस मुद्दे पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए वन क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोगों से मुलाकात करेगी।

सूत्रों ने कहा कि ट्रेनों की चपेट में आने या बिजली के झटके से मौत को अप्राकृतिक के तहत वर्गीकृत किया गया है और इसकी जांच की जा रही है ताकि एक श्वेत पत्र तैयार किया जा सके और बिजली बोर्ड और भारतीय रेलवे सहित संबंधित विभागों को निवारक उपाय करने के लिए प्रस्तुत किया जा सके।

ओसाई के कालिदासन ने आईएएनएस को बताया, हम हाथियों की प्राकृतिक मौतों का अध्ययन करेंगे और सभी मामलों का अलग-अलग पता लगाएंगे। मृत हाथी के आयु वर्ग के आधार पर मामलों का अध्ययन किया जाएगा। इसी तरह फैल रहा है।

उन्होंने कहा कि काम तुरंत शुरू हो जाएगा लेकिन अध्ययन खत्म करने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की थी।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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