तमिलनाडु में दलित संगठनों ने पुडुकोट्टई जिले के वेंगावयल में पीने के पानी की टंकी में मानव मल मिलने के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है।
यह घटना दिसंबर 2022 में हुई थी जब मानव मल एक ओवरहेड पीने के पानी की टंकी में मिला हुआ पाया गया था। टैंक एक दलित कॉलोनी में पानी की आपूर्ति कर रहा था, जिसने तब आरोप लगाया कि यह उच्च जाति के लोगों का अपमान करने का एक स्पष्ट मामला था।
तिरुचि में स्थित दलित अध्ययन पर थिंक टैंक अंबेडकर स्टडी फोरम के अध्यक्ष आर. सेल्वनाथन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, पीने के पानी में मानव मल का मिश्रण दलित समुदाय के लिए एक स्पष्ट संदेश है। संदेश, जैसा कि मैं डिकोड कर सकता था, यह है कि दलित अभी भी उच्च जातियों और मध्यम जाति समुदायों के स्तर में बहुत नीचे हैं और उन्हें जीवन में प्रयास करने और ऊपर आने की आकांक्षा नहीं है।
उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की मांग को लेकर अंबेडकर स्टडी फोरम और अन्य समान विचारधारा वाले संगठन पुडुकोट्टई में विरोध मार्च निकालेंगे।
चेन्नई स्थित सेंटर फॉर दलित स्टडीज एंड थॉट्स से जुड़ी एक दलित महिला कार्यकर्ता एम.एस. सुलेखमणी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, तमिलनाडु के कई आंतरिक हिस्सों में दलितों के साथ नीच व्यवहार किया जाता है और वेंगवायल घटना एक उत्कृष्ट उदाहरण है। अगर तमिलनाडु पुलिस की सीबी-सीआईडी दिसंबर 2022 की शुरुआत में हुए मामले को सुलझाने में सक्षम नहीं है, तो उन्हें जारी रखने का क्या मतलब है, सीबीआई को व्यापक जांच करने दें। क्यों शर्मा रही है सरकार? कोई ताकतवर वोट बैंक दांव पर है?
उन्होंने कहा कि दलित आंदोलन एक नेटवर्क बना रहे हैं और अगर सरकार तुरंत मामले की सीबीआई जांच का आदेश नहीं देती है तो पुडुकोट्टई में विरोध मार्च निकालेंगे।
यहां तक कि वीसीके भी इस मामले का तत्काल समाधान चाहती है और दोषियों को कानून के कटघरे में लाना चाहती है। वीसीके ने दमन के प्रतीक के रूप में खड़ी दूषित ओवरहेड पानी की टंकी को गिराने का भी आह्वान किया था।
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Source : IANS