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नोटबंदी के विरोध में तृणमूल कांग्रेस बजट सत्र के दौरान पहले दो दिनों तक संसद में नहीं आएगी। पार्टी का कहना है कि संसद की विश्वास में लिये बिना ही केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया था।
तृणमूल कांग्रेस ने संसद सत्र के पहले सोमवार को होने वाली लोकसभा स्पीकर के सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार भी किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पार्टी सांसदों की बैठक बुलाकर बजट के दौरान रणनीति पर चर्चा की।
बैठक के बाद जारी बयान में पार्टी ने कहा है, "नोटबंदी के विरोध में तृणमूल कांग्रेस के सांसद दो दिन तक बजट सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे।"
पार्टी ने कहा है, "नोटबंदी का फैसला संसद को विश्वास में लिये बगैर किया गया, और पैसे निकालने की सीमा अभी भी लागू है।"
तृणमूल कांग्रेस ने तय किया है कि पार्टी के सांसदों की गिरफ्तारी का मुद्दा भी वो संसद में उठाएगी।
All India Trinamool Congress releases statement,says will not be present in parliament for first two days of #BudgetSessionpic.twitter.com/PfqONNC88R
— ANI (@ANI_news) January 30, 2017
पार्टी ने कहा है, "पार्टी के सांसदों की गिरफ्तारी केंद्र सरकार ने सीबीआई का दुरुपयोग करके राजनीतिक बदले की भावना से की गई है।"
तृणमूल कांग्रेस नोटंबदी का विरोध कर रही है। पार्टी ने केंद्र सरकार के इस फैसले को जन विरोधी करार दिया था।