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एथिक्स कमेटी की बैठक को वॉकआउट कर निकलीं TMC सांसद मोइत्रा, बोलीं- पूछ रहे थे गंदे सवाल

महुआ ने कहा कि कमेटी के सदस्य हमसे गंदे सवाल पूछ रहे थे. महुआ मोइत्रा के साथ कमेटी को बहिष्कार करने वाले दानिश अली ने बताया कि कमेटी उनसे पूछ रही थी रात में किससे बात करती हैं. इसपर हमलोगों ने वॉकआउट कर दिया

Updated on: 02 Nov 2023, 06:56 PM

नई दिल्ली:

TMC MP mahua Moitra on cash for curie cases : कैश फॉर क्यूरी मामले में एक बार फिर महुआ मोइत्रा सुर्खियों में हैं. इस मामले में लोकसभा पैनल के सामने पेश हुई. लेकिन,  एथिक्स कमेटी के सवाल पर महुआ मोइत्रा, बसपा सांसद दानिश अली, समेत कांग्रेस के सांसद ने संसद की आचार समिति से वॉकआउट कर दिया. कमेटी की बैठक से तिलमिलाई निकली महुआ ने कमेटी पर गंभीर आरोप लगाए. महुआ ने कहा कि कमेटी के सदस्य हमसे गंदे सवाल पूछ रहे थे. महुआ मोइत्रा के साथ कमेटी को बहिष्कार करने वाले दानिश अली ने बताया कि कमेटी उनसे पूछ रही थी रात में किससे बात करती हैं. इसपर हमलोगों ने वॉकआउट कर दिया.विपक्षी सांसदों की ओर से बैठक बहिष्कार के बाद सियासत भी शुरू हो गई. विपक्ष के आरोपों पर एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने पलटवार किया. उन्होंने विपक्षी सदस्यों पर अनैतिक व्यवहार करने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ आरोपों से बचने के लिए इन लोगों ने वॉकआउट किया है. 

कमेटी के सवालों से बचने के लिए महुआ ने ये सब किया- कमेटी के अध्यक्ष

संसद की आचार समिति (Ethics committee) के प्रमुख विनोद सोनकर ने कहा कि सवालों के जवाब देने के बजाय महुआ मोइत्रा ने ये सब किया. ताकि उन्हें कमेटी के सवालों का जवाब नहीं देना पड़े. समिति के अध्यक्ष सोनकर ने आरोप लगाया कि उन्होंने सभापति और समिति के सदस्यों के लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया. इतना ही नहीं, दानिश अली, गिरधारी यादव और अन्य विपक्षी सांसदों ने भी असंसदीय भाषा और अशोभनीय व्यवहार कर वॉकआउट कर दिया. 

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महुआ ने गलत नैरेटिव पेश करने की कोशिश की- निशिकांत दुबे

वहीं, इन आरोपों पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पलटवार किया. निशिकांत दुबे ने कहा कि महुआ मोइत्रा ने जनता के सामने एक गलत व्यवहार पेश किया है. वे इस बात से नाराज हैं कि अनुसूचित जाति का एक व्यक्ति (विनोद सोनकर) आचार समिति का अध्यक्ष कैसे बन गया और वे उनसे सवाल क्यों पूछ रहे हैं. दुबे ने आगे कहा कि मशहूर कारोबारी हीरानंदानी की ओर से दायर हलफनामे में किए गए दावों पर लोकसभा की एथिक्स कमेटी महुआ मोइत्रा से सवाल पूछने के लिए बाध्य है. महुआ के खिलाफ कमेटी के पास सभी सबूत मौजूद हैं. महुआ को कोई भी ताकत बचा नहीं सकती है. निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि मैं और देहाद्राई गवाह थे और महुआ मोइत्रा एक आरोपी थीं. उन्होंने जनता के बीच गलत नैरेटिव पेश करने की कोशिश की है,लेकिन इस सबके बावजूद वह बच नहीं सकती हैं.