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TMC ने 2024 आम चुनाव में पीएम मोदी के खिलाफ ममता को बताया सशक्त विपक्षी नेता

टीएमसी ने यह भी दावा किया कि गुजरात के नतीजे साबित करते हैं कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकमात्र विश्वसनीय चेहरा हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ मजबूत विपक्ष का नेतृत्व कर सकती हैं.

Updated on: 08 Dec 2022, 11:02 PM

highlights

  • गुजरात में ऐतिहासिक हार के विपक्षी एकता पर फिर ममता का दावा
  • टीएमसी नेताओं ने कांग्रेस को हार पर दी आत्मनिरीक्षण की सलाह

कोलकाता:

गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणामों ने 2024 लोकसभा चुनाव की बिसात अभी से बिछा दी है. आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने से अरविंद केजरीवाल के अखिल भारतीय परवाज को पंख लग गए हैं, तो तृणमूल कांग्रेस ने भी हार-जीत पर लोकसभा चुनावों को लेकर अपना पक्ष जाहिर कर दिया है. गुजरात चुनावों में कांग्रेस को मिली ऐतिहासिक हार और बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत ने टीएमसी नेताओं को मुखर होनेका मौका दे दिया है. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी के नेताओं ने बगैर हिचके दो टूक लहजे में कहा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया है कि कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ किसी भी राष्ट्रीय मोर्चे का नेतृत्व करने के लिए अपनी प्रासंगिकता खो दी है.

ममता को बताया पीएम मोदी के खिलाफ एकमात्र विकल्प
तृणमूल नेताओं ने यह भी दावा किया कि गुजरात के नतीजे यह भी साबित करते हैं कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकमात्र विश्वसनीय चेहरा हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ लोकतांत्रिक,  प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष तीसरे विकल्प का नेतृत्व करती हैं. उन्होंने कहा, गुजरात में मुख्य लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच थी और कांग्रेस को वहां बहुत कुछ साबित करना था, लेकिन हिमाचल प्रदेश में कुछ प्रगति करने के बावजूद कांग्रेस गुजरात में बुरी तरह विफल रही. एक तरफ कांग्रेस भारत जोड़ो का आयोजन कर रही है, मगर यह गुजरात को एकजुट करने में विफल रही. 

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कांग्रेस को आत्मनिरीक्षण की सलाह
तृणमूल के राज्य महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, कांग्रेस को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए. जो लोग गुजरात में विफल रहे, वे कभी भी अपने फैसलों और रणनीतियों के माध्यम से लोकसभा को नियंत्रित नहीं कर पाएंगे. कांग्रेस के लिए ये अब तक के सबसे बुरे नतीजे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात के नतीजे साबित करते हैं कि अभी ममता बनर्जी राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे विकल्प का नेतृत्व करने के लिए मोदी के खिलाफ एकमात्र विकल्प हैं. घोष ने कहा, यह फिर से साबित हो गया है कि एक लोकतांत्रिक, प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष ताकत के लिए तीसरे भाजपा विरोधी विकल्प के मामले में तृणमूल कांग्रेस सबसे प्रासंगिक और महत्वपूर्ण विकल्प है. केवल ममता बनर्जी, सात बार लोकसभा सदस्य, चार बार केंद्रीय मंत्री और तीन बार मुख्यमंत्री बनीं. वह नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकमात्र वैकल्पिक चेहरा हैं.

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कांग्रेस ने टीएमसी को राज्य के बाहर विस्तार की दी सलाह
राज्य के कांग्रेस नेतृत्व ने हालांकि घोष के दावे को खारिज करते हुए कहा कि तृणमूल को राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण बर्थ का लक्ष्य रखने से पहले पश्चिम बंगाल के बाहर अपने आधार का विस्तार करने का प्रयास करना चाहिए. राज्य कांग्रेस के नेता कौस्तव घोषाल ने कहा, पश्चिम बंगाल के बाहर कहीं भी तृणमूल कांग्रेस का जनाधार शून्य है. इसलिए पार्टी नेतृत्व को कांग्रेस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने से पहले इस पर ध्यान देना चाहिए. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि एक समय तृणमूल भाजपा विरोधी राष्ट्रीय मंच में अपना स्थान तेजी से खो रही थी, विशेष रूप से उपराष्ट्रपति के चुनाव में मतदान से परहेज करने के अपने निर्णय के बाद. अब पार्टी नेतृत्व गुजरात चुनाव के नतीजों को उस खोए हुए स्थान को फिर से हासिल करने के अवसर के रूप में देख रहा है. वरिष्ठ राजनीतिक पर्यवेक्षक अरुंधति मुखर्जी ने कहा, हालांकि इस  पर कोई भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी.