logo-image

जेल में बंद गुरमीत राम रहीम के खिलाफ 15 साल तक चला रेप केस, जानें कब क्या हुआ?

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दुष्कर्म मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई है।

Updated on: 28 Aug 2017, 06:34 PM

highlights

  • 15 साल पुराने रेप मामले में गुरमीत राम रहीम को सीबीआई कोर्ट ने सुनाई 10 साल जेल की सजा
  • 2002 में गुरमीत सिंह पर दो महिला अनुयायियों ने लगाया था रेप का आरोप
  • महिला अनुयायियों ने तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को पत्र लिखकर की थी शिकायत

नई दिल्ली:

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दुष्कर्म मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई है। सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने रोहतक के पास सुनारिया जेल में यह फैसला सुनाया।

डेरा प्रमुख अपनी दो पूर्व साध्वी के दुष्कर्म के दोषी हैं।

राजनीतिक रसूख, लाखों अनुयायियों वाले राम रहीम को जेल तक पहुंचाने के लिए दो साध्वी ने 15 सालों तक संघर्ष किया है। जानें इस मामले में कब-कब क्या हुआ?

25 अगस्त, 2017: पंचकूला स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने दो साध्वियों से रेप मामले में राम रहीम को रेप मामले में दोषी ठहराया। सजा के बाद पंचकूला समेत पंजाब और हरियाणा के कई जगहों पर राम रहीम के उपद्रवी समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया।

बेबस सुरक्षाबलों की मौजूदगी में पत्थरबाजी हुई। मीडिया की गाड़ियां जला दी गई। स्थानीय लोगों के साथ मारपीट की गई। दुकानें लूट ली गई। अब तक 36 लोगों की मौतें हो चुकी है। डेरा सच्चा के मुख्यालय और अन्य जगहों पर सेना की तैनाती की गई है।

और पढ़ें: राम रहीम को आज मिलेगी, सुरक्षा के कड़े इंतजाम, दंगाइयों को गोली मारने का आदेश

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने आगजगी और हिंसा की घटना के लिए खट्टर सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने शनिवार को कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए पंचकूला को जलने दिया गया।

अगस्त, 2017: ट्रायल कोर्ट में मामले की सुनवाई समाप्त हुई। कोर्ट ने रेप मामले में 25 अगस्त को फैसले सुनाने का ऐलान किया और इस मौके पर गुरमीत राम रहीम सिंह को अदालत में हाजिर रहने को कहा गया।

2007-17: रेप मामले में 10 साल के दौरान करीब 200 बार सुनवाई हुई। निचली अदालत (पहले अंबाला और हरियाणा में स्थित) द्वारा दी गई जमानत पर डेरा प्रमुख जेल से बाहर रहे। डेरा प्रमुख ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिस कारण ट्रायल कोर्ट (विशेष सीबीआई अदालत) में चल रही सुनवाई में देरी हुई।

जुलाई, 2007: दुष्कर्म मामले में डेरा प्रमुख के खिलाफ सीबीआई ने आरोप-पत्र दाखिल किया।

दिसंबर, 2003: डेरा प्रमुख के खिलाफ सीबीआई ने जांच शुरू की।

नवंबर, 2003: डेरा प्रमुख द्वारा साध्वियों के साथ किए गए दुष्कर्म के मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए।

अक्टूबर, 2002: सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की डेरा के कार्यकर्ताओं द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। उन्होंने अपने स्थानीय अखबार 'पूरा सच' में सिरसा के पास स्थित डेरा के मुख्यालय में चल रही संदेहपूर्ण गतिविधियों के बारे में लिखा था।

जुलाई, 2002: पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की जुलाई, 2002 में रहस्यमय तरीके से हत्या कर दी गई। सिंह की हत्या डेरा के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई, क्योंकि वह संप्रदाय के मुख्यालय में चल रही सारी गतिविधियों के बारे में जानते थे।

2002: गुरमीत राम रहीम सिंह के दो अनुयायियों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को गुमनाम पत्र लिखकर राम रहीम पर रेप का आरोप लगाया।

और पढ़ें: राम रहीम पर सजा के पहले सिरसा में खाली कराया गया डेरा आश्रम