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चीन को जवाब देने का समय आया, सेना खाली करा रही लद्दाख के गांव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भारतीय सेना को चीनी सीमा पर यथास्थिति देख उचित कदम उठाने की खुली छूट दे दी है. इस कड़ी में सेना ने तनाव की स्थिति के बीच पूर्वी लद्दाख में देमचोक और पैंगोंग के गांवों को खाली करने को कहा है.

Updated on: 18 Jun 2020, 12:21 PM

highlights

  • पीएम मोदी ने चीन सीमा पर भारतीय सेना को दी खुली छूट.
  • लद्दाख के चीन सीमा से लगते गांव को खाली करा रही सेना.
  • इसके साथ ही वायुसेना और नौसेना भी हाई अलर्ट मोड पर.

नई दिल्ली:

भले ही लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी में भारतीय-चीनी सैनिकों (Indo-China Dispute) बीच हुई हिंसक झड़प के बाद मेजर जनरल स्तर की बातचीत का दूसरा राउंड गुरुवार को शुरू हो गया है. हालांकि माना जा रहा है कि इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भारतीय सेना को चीनी सीमा पर यथास्थिति देख उचित कदम उठाने की खुली छूट दे दी है. इस कड़ी में सेना ने तनाव की स्थिति के बीच पूर्वी लद्दाख में देमचोक और पैंगोंग के गांवों को खाली करने को कहा है. इसके साथ ही सेना के मूवमेंट में भी तेजी देखने में आई है. ऐहितियातन सीमावर्ती इलाकों में मोबाइल सेवा (Mobile) बंद कर दी गई है और आम लोगों के लिए श्रीनगर-लेह हाईवे को भी बंद कर दिया गया है.

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वायुसेना और नौसेना हाई अलर्ट पर
सूत्रों ने बताया कि यदि चीन शांति बहाली के बयानों के बीच फिर से कोई दुःसाहस करता है, तो भारतीय सेना मुहतोड़ जवाब देगी. चीन द्वारा सैनिकों की तैनाती बढ़ाने के बाद भारत ने गलवान घाटी, दौलत बेग ओल्डी, चुशुल और देपसांग में अतिरिक्त बलों को तैनात कर दिया है. बताते हैं कि इसके साथ ही सेना के तीनों विंगों को भी मुस्तैद रहने के निर्देश दे दिए गए हैं. सेना को आशंका है कि भारत पर दवाब बढ़ाने के लिए चीन पीओके में भी पीएलए की तैनाती कर सकता है. भारत एलएसी पर फायरिंग नहीं करने के नियमों में बदलाव भी करने पर विचार कर रहा है. इधर वायुसेना और नौसेना भी हाई अलर्ट पर है. खासकर चीन से लगी सीमा पर. चीन ने भी भारत से लगती सीमा पर अपनी सैनिको की तैनाती बढाई है. सीमा पर मामला सुलझाने की कोशिश जारी है, लेकिन हालात बेहद तनावपूर्ण हैं.

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शांति बहाली के बीच तनाव बरकरार
हिंसक झड़प के मुद्दे पर बुधवार को भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच फोन पर बात हुई थी. इस बातचीत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से कहा कि 'चीनी सैनिकों ने पूर्व नियोजित और योजना के मुताबिक कार्रवाई की जो सीधे तौर पर लद्दाख की गालवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प का कारण बनी.' विदेश मंत्री ने दोटूक अंदाज में कहा कि 'इस घटना' से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा और चीन को अपनी कार्रवाई का पुनर्मूल्‍यांकन करने और सुधारात्‍मक कदम उठाने की जरूरत है. दोनों नेताओं ने तनाव को काम करने पर सहमति जताई और कहा 'कोई भी पक्ष मामले को बढ़ाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करेगा और इसके बजाय, द्विपक्षीय करारों और प्रोटोकॉल के अनुसार शांति सुनिश्चित करेगा.'

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चीनी सेना की मक्कारी से भड़का संघर्ष
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. झड़प में चीनी पक्ष के करीब 37 सैनिकों की मौत की खबर है. जानकारी के अनुसार, लद्दाख में हिंसक झड़प उस समय शुरू हुइ जब भारतीय सैनिक सीमा के भारत की तरफ चीनी सैनिकों द्वारा लगाए गए टेंट को हटाने गए थे. चीन ने 6 जून को दोनों पक्षों के लेफ्टिनेंट जनरल-रैंक के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद इस टेंट को हटाने पर सहमति जताई थी. सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय कर्नल बीएल संतोष बाबू को निशाना बनाने के बाद एक शारीरिक संघर्ष छिड़ गया और दोनों पक्षों के बीच डंडों, पत्‍थरों और रॉड का जमकर इस्‍तेमाल हुआ.