भारत में 2006 से 2019 के बीच बाघों की आबादी के दोगुने होने का संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा 'अच्छे संकेत' के रूप में स्वागत किया गया है, उनके उप प्रवक्ता फरहान हक ने यह जानकरी दी. हक ने मंगलवार को कहा, 'हमारे पास एक सतत विकास लक्ष्य है जो जैव विविधता और विशेष रूप से लुप्तप्राय सहित सभी प्रजातियों के संरक्षण को प्रोत्साहित करता है. इसलिए, अगर लुप्तप्राय प्रजातियां वास्तव में, संरक्षित की जा रही हैं तो यह हमेशा एक अच्छा संकेत है.'
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को घोषणा की थी कि देश में बाघों की आबादी 2,967 तक पहुंच गई है. उन्होंने जोर देकर कहा था कि भारत ने 2022 से पहले लुप्तप्राय जानवरों की आबादी को दोगुना करने के 2010 में निर्धारित किए गए लक्ष्य को चार साल पहले ही हासिल कर लिया है.
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि विकास और पर्यावरण के बीच एक स्वस्थ संतुलन बनाना संभव है. हमारी नीतियों में, हमारे अर्थशास्त्र में, हमें संरक्षण से संबंधित बातचीत को बदलना होगा.'