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मप्र में बाघ आंकलन की तैयारी

मप्र में बाघ आंकलन की तैयारी

Updated on: 13 Sep 2021, 11:15 AM

होशंगाबाद:

मध्य प्रदेश में अखिल भारतीय बाघ आंकलन 2022 की तैयारियां तेजी से चल रही है। इस बार बाघ का आंकलन अक्टूबर से दिसंबर तक चलेगा। इस सिलसिले में सतपुड़ा टाईगर रिजर्व होशंगाबाद के पचमढ़ी में वृत्त स्तरीय नोडल अधिकारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया ।

उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय बाघ आंकलन प्रत्येक चार वर्ष में किया जाता है। इस वर्ष यह आंकलन अक्टूबर से दिसम्बर तक तीन महीने चलेगा। बाघ आंकलन तीन चरण में किया जाता है। इसमें प्रथम चरण में सबसे पहले मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों के सभी वन वीटों में मांसाहारी और शाकाहारी वन्य प्राणियों की उपस्थिति संबंधी साक्ष्य इकट्ठे किये जाते हैं। द्वितीय चरण में जी आई एस मैप का वैज्ञानिक अध्ययन और तृतीय चरण में वन क्षेत्रों में कैमरा ट्रेप लगाकर वन्य प्राणियों के फोटो लिये जाते हैं।

इस वर्ष होने वाले बाघ आंकलन की खासियत यह है कि इसमें कागज का उपयोग न किया जाकर एक विशेष मोबाईल एप एम स्ट्राइप इकोलॉजिकल के जरिए बाघ के आंकड़े एकत्रित होंगे। इसके साथ ही टाइगर रिजर्व के अलावा क्षेत्रीय वन मण्डल एवं निगम क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से शाकाहारी-मांसाहारी वन्य-प्राणियों की गणना पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिये मैदानी कर्मचारियों को बाघ गणना के लिये प्रशिक्षित किया जा रहा है।

पचमढ़ी में हुए वृत्त स्तरीय नोडल अधिकारियों को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) आलोक कुमार, बाघ आंकलन 2022 के प्रदेश के नोडल अधिकारी डॉ. एच.एस. नेगी, भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के डीन डॉ. वाय वी. झाला, एनटीसी टाइगर सेल भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादूर के प्रभारी डॉ. कमर कुरैशी, वैज्ञानिक डॉ. उज्जवल सिन्हा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रशिक्षित किया और आंकलन की बारीकियों को भी बताया गया। इस मौके पर सभी टाईगर रिजर्व के अन्य वन्य अधिकारी मौजूद थे।

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