एक प्रेस फोटोग्राफर द्वारा एक मामले में एक आरोपी की तस्वीरें लेने के बाद जिला अदालत परिसर में सोमवार को पत्रकारों और वकीलों के बीच झगड़ा शुरू हो गया।
यह मामला आईएएस अधिकारी श्रीराम वेंकटरमन और उनके दोस्त वफा फिरोज से जुड़ा है। वेंकटरमन को कथित तौर पर शराब के नशे में कार चलाने और पत्रकार के एम बशीर को मारने के चलते निलंबित कर दिया गया था। दोनों आरोपियों के हाजिर नहीं होने के बाद मामले की सुनवाई पहले टाल दी गई थी। मामला दर्ज होने के बाद सोमवार को दोनों कोर्ट में पेश हुए।
सिराज दैनिक के प्रेस फोटोग्राफर, जिसमें बशीर काम करता था, शिवाजी परिसर में मौजूद थे, जब दोनों आरोपी आए।
शिवाजी ने कहा, मैंने पहली बार वेंकटरमण की तस्वीरें लीं जब वह अदालत में पेश होकर लौट रहा था। फिर जब वह (वफा) बाहर आई, तो मैंने उसकी तस्वीर भी ली। अचानक एक व्यक्ति (एक पुलिस अधिकारी) ने मुझसे पूछा कि मैंने उसकी अनुमति के बिना उसकी तस्वीर कैसे ली। जल्द ही वकीलों का एक समूह मेरे आसपास आ गया और मुझे तस्वीर हटाने के लिए मजबूर किया गया और मोबाइल फोन पुलिस को दे दिया गया। लोगों के समूह ने मुझे परेशान किया।
हंगामे की खबर सुनकर केरल यूनियन ऑफ वकिर्ंग जर्नलिस्ट्स के जिलाध्यक्ष सुरेश वेल्लीमंगलम मौके पर पहुंचे और उन्हें भी परेशान किया गया।
सुरेश ने कहा कि हम परिसर में रहकर एक ²श्य नहीं बनाना चाहते थे, इसलिए हमने पुलिस से संपर्क करने का फैसला किया और जब हम थाने पहुंचे, तो हमें आश्चर्य हुआ कि वे मामला दर्ज करने को तैयार नहीं थे। लेकिन हम चाहते थे कि मामला दर्ज किया जाए।
कुछ साल पहले मीडिया और वकीलों के बीच झगड़ा हुआ था, जो बाद में केरल उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के साथ एक बड़े मुद्दे में बदल गया। उसके बाद से मामला ठंडा पड़ गया था। लेकिन सोमवार को यह फिर से उभर गया।
मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस ने सोमवार को मामला दर्ज किया गया और वकीलों की ओर से शिकायत भी की गई है।
हादसा 3 अगस्त 2019 को हुआ था। देर रात पार्टी से लौटते समय कथित तौर पर नशे में धुत वेंकटरमण ने बशीर का एक्सीडेंट कर गिया था।
वेंकटरमन के साथ एक महिला मित्र वहा फिरोज भी थी, जिसकी कार थी।
उन्हें दो दिनों के बाद सेवा से निलंबित कर दिया गया था, हालांकि उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, उनकी स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल सेल में भेज दिया गया और बाद में उन्हें जमानत मिल गई।
तिरुवनंतपुरम के मुख्य न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अदालत में दायर आरोप पत्र में कहा गया है कि वह नशे की हालत में गाड़ी चला रहे थे।
उन्हें पहले आरोपी के रूप में नामित किया गया है और वफा फिरोज दूसरे आरोपी हैं।
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Source : IANS