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राजस्थान के झुंझुनू में देखें 17 देशों के 80 घुड़सवारों के हैरतअंगेज कारनामे

2015 में मिस फ्रांस रह चुकीं केमिल सर्प ने भी इस आयोजन में ले रही हैं भाग, इससे पहले ओमान व मोरक्को में हो चुका है यह आयोजन

Updated on: 05 Mar 2019, 12:28 PM

झुंझुनू:

भारत में पहला घुड़सवारी का 'गैलोप्स ऑफ इंडिया' का आयोजन राजस्थान के झुंझुनू कस्बा मंडावा में आज से शुरू हो रहा है. झुंझुनू में आज 17 देशों के लगभग 80 घुड़सवार मंडावा में पहुंचकर इस आयोजन में भाग ले रहे हैं. शेखावाटी ही नहीं बल्कि देश में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय घुड़सवारी गैलोप्स ऑफ इंडिया का आयोजन किया जा रहा है. आयोजक के संचालक अंगद सिंह ने बताया कि इस आयोजन में 17 देशों से 80 घुड़सवार भाग ले रहे हैं. जिसका मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के बढ़ावे के साथ-साथ मारवाड़ी घोड़ों को बढ़ावा देना भी है.

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यह अंतरराष्ट्रीय तीसरा गैलोप्स का आयोजन है. पहला गैलोप्स का आयोजन 2014 में ओमान के सुल्तान कबूस के सहयोग से हुआ था. जिसमें 10 देशों के 110 घुड़सवार शामिल हुए थे. वहीं दूसरा आयोजन 2018 में मोरक्को में किंग मोहम्मद की देखरेख में हुआ था.

मंडावा में यह तीसरा अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी गैलोप्स ऑफ इंडिया का आयोजन हो रहा है. जिसमें भारत, अमेरिका, ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, पोलैंड, ओमान, स्पेन, इजरायल, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे, इटली, स्लोवाकिया, स्विजरलैंड आदि देशों से 80 घुड़सवार भाग ले रहे हैं. जिसमें महिला घुड़सवार भी शामिल हैं. इस आयोजन में 2015 में मिस फ्रांस रह चुकी केमिल सर्प ने भी इस आयोजन में भाग लिया है.

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इस आयोजन में भारतीय सेना की 61वीं केवल्री के घुड़सवार भी शामिल हैं. अंगद सिंह ने बताया कि तीन मार्च की शाम तक सभी घुड़सवार मंडावा में पहुंच गए थे और आज 4 मार्च को अल सुबह ही इस आयोजन की तैयारी में जुट गए थे. इससे मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों के साथ साथ विभिन्न देशों के घुड़सवारों का तालमेल बिठाने को लेकर भी तैयारियां की गई हैं. 4 मार्च को मंडावा के कासल गढ़ के परिसर से इस अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी का शुभारंभ हुआ यह घुड़सवार मंडावा से अलसीसर महल बिका की ढाणी चूरू सीकर जिले के कई गांव के से गुजरते हुए फतेहपुर होते हुए वापस 8 मार्च को मंडावा के कासल गढ़ चलकर आएंगे.

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8 मार्च शाम को इस गैलोप्स ऑफ इंडिया का समापन समारोह का आयोजन कासल गढ़ के परिसर में होगा. 5 दिन तक चलने वाले इस आयोजन में सभी घुड़सवार रोजाना 40 किलोमीटर का सफर तय करेंगे. 5 दिन में 200 किलोमीटर का सफर सभी घुड़सवार तय करेंगे. अंगद सिंह ने बताया कि इस आयोजन से जहां पर्यटन का मंडावा क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा, वहीं मारवाड़ी घोड़ों की पहचान भी विदेशों तक होगी.