आज भी अंधविश्वास से हम बाहर नहीं निकल पाए हैं. चांद और सूर्य पर जाने की बात करते हैं लेकिन फिर भी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) आने पर कई तरह के कर्मकांड में लग जाते हैं. मसलन सूर्यग्रहण के वक्त खाना नहीं खाना चाहिए. पूजा-पाठ मत कीजिए आदि...आदि. कर्नाटक में अंधविश्वास की ऐसी ही एक बानगी दिखाई दी. जहां तीन बच्चों को गर्दन तक जमीन के अंदर दबा दिया गया, ताकि उसकी शारीरिक अक्षमता दूर हो सके.
गुरुवार को जब सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लगा तब कालाबुरागी के ताजसुल्तानपुर गांव में तीन दिव्यांग बच्चों को गले तक जमीन में दबा दिया गया. उनके माता-पिता का मानना था कि ऐसा करने से उनके बच्चे ठीक हो जाएंगे.
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लोगों का कहना है कि जब तक सूर्य ग्रहण लगा रहता है तब तक बच्चे को मिट्टी में दबा कर छोड़ दिया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से बच्चे ठीक हो जाते हैं.
विज्ञान के युग में ये बातें कोरी बकवास लगती है. इसके बावजूद लोग अंधविश्वास से दूर नहीं हो पा रहे हैं.
इन बच्चों की तस्वीरें सामने आईं है. तस्वीर में दिख रहा है कि बच्चों के पूरे शरीर को मिट्टी के अंदर गाड़ दिया गया है. उनका सिर्फ चेहरा दिख रहा है.
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बता दें कि गुरुवार को करीब सुबह 8 बजे सूर्य ग्रहण शुरू हुआ और दोपहर करीब 11.30 बजे तक रहा. सूर्य ग्रहण के बाद लोग स्नान कर पूजा पाठ किए.
Source : Nitu Kumari