तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले में मंगलवार तड़के तीन मादा हाथियों की करंट लगने से मौत हो गई। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिले के मारनदहल्ली में एक खेत में बिजली के अवैध तार के संपर्क में आने के बाद हाथियों को करंट लग गया।
ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग के अधिकारियों को घटना की जानकारी हुई। हाथियों के दो बच्चे बाल-बाल बच गए।
वन विभाग के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि मुरुगन नाम के एक किसान ने जंगली सुअरों के हमले को रोकने के लिए अवैध रूप से बिजली की बाड़ लगाई थी। इस दौरान खेत को पार करने की कोशिश के दौरान हाथी बिजली के तारों के संपर्क में आ गए। खेत के मालिक मुरुगन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन के अधिकारियों को तुरंत अलर्ट किया गया, जिन्होंने बिजली कनेक्शन काट दिया।
वन अधिकारियों के अनुसार तीनों मादा हाथियों की उम्र करीब 30 साल थी। वन अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि विभाग हाथियों के अन्य झुंडों के साथ लगभग नौ महीने के बच्चों को फिर से मिलाने की कोशिश कर रहा है।
जिला वन अधिकारी के.वी.ए. नायडू ने मीडियाकर्मियों को बताया कि वन दस्ते ने तीन हाथियों को जमीन पर पड़े हुए पाया और उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को सतर्क किया, जिन्होंने बिजली का कनेक्शन काट दिया। इससे दोनों बच्चों को करंट के संपर्क में आने से बचा लिया गया।
स्थानीय लोगों ने आईएएनएस को बताया कि बिजली अधिकारी नियमित निरीक्षण नहीं कर रहे हैं। किसान रात 10 बजे के बाद अवैध रूप से बिजली की लाइनों को जोड़ लेते हैं।
डीएफओ ने मीडियाकर्मियों से कहा, नियमित अभियान और बिजली कनेक्शन काटकर सजा देने से खतरा कुछ कम होता है, लेकिन इस तरह का अभियान नहीं होने से किसानों का हौसला बढ़ा और यह हादसा हुआ।
पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि तीन हाथियों की दुखद मौत किसानों को हाथी के रास्ते में अवैध बिजली की बाड़ लगाने से रोकने में राज्य बिजली विभाग की विफलता के कारण हुई है।
पशु अधिकार कार्यकर्ता आर. मधुशंकर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, जंगली हाथियों को मार दिया गया, शायद अनजाने में, लेकिन किसान और तमिलनाडु के बिजली विभाग को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। तमिलनाडु के वन विभाग को भी दंडित किया जाना चाहिए।
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Source : IANS