Jammu and Kashmir: लश्कर और हिजबुल के पोस्टर के जरिये स्थानीय लोगों को धमकाने वाले तीन गिरफ्तार
शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि तीनों अवंतीपुरा के ख्रीव इलाके के लाढू में धमकी भरे पोस्टरों का प्रकाशन एवं प्रसार करते थे.
दिल्ली:
दक्षिण कश्मीर के अवंतीपुरा में आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के पोस्टरों के जरिये स्थानीय लोगों को ‘डराने-धमकाने’ के आरोप में बुधवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘ तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उनके पास से धमकी भरे पोस्टर सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गयी है.’’ उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि तीनों अवंतीपुरा के ख्रीव इलाके के लाढू में धमकी भरे पोस्टरों का प्रकाशन एवं प्रसार करते थे. पुलिस अधिकारी ने कहा कि तीनों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
अधिकारी ने कहा कि तीनों को पुलिस थाने ले जाया गया है और उनके पास मौजूद आपत्तिजनक सामान को रिकॉर्ड और आगे की जांच के लिए जब्त किया गया है. उन्होंने कहा कि मामले में आगे की जांच चल रही है. अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे डराने-धमकाने वाले लोगों की जानकारी उनसे साझा करें. आपको बता दें कि कश्मीर पुलिस ने भी इस बात की पुष्टि की है कि शरारती तत्व, उपद्रवी और आतंकी मिलकर कश्मीर का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
हाल ही में बटमालू में आग लगने की घटना में क्षतिग्रस्त हुई एक दुकान के मालिक ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘हम पहले ही अपनी पूंजी गंवा चुके हैं...मैं अब कोई शारीरिक नुकसान नहीं चाहता.’’ कश्मीर में शिक्षा, सार्वजनिक परिवहन और पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हैं. स्कूल खोलने की सरकार की कोशिशें रंग नहीं ला रही हैं क्योंकि माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते. बहरहाल, बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हो रही है.
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एक बस चालक एजाज अहमद भट ने कहा, ‘‘बंद के कारण पहले ही हम भारी नुकसान उठा रहे हैं लेकिन अगर हम अपने वाहन सड़कों पर ले जाते हैं तो और बड़ा नुकसान हो सकता है. किसी यात्री वाहन पर फेंका गया एक पत्थर हजारों रुपये का नुकसान कर सकता है.’’ भट ने कहा कि वह गुजारे के लिए मजदूर के तौर पर काम कर रहे है लेकिन उससे खर्चें पूरे नहीं होंगे. उसने कहा, ‘‘मुझे वाहन की कर्ज की किस्त चुकानी है और मैं इन दिनों कुछ खास नहीं कमा पा रहा हूं. मुझे कर्ज से छुटकारा पाने के लिए बस बेचनी पड़ सकती है.’’
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सरकार द्वारा पिछले महीने प्रतिकूल परामर्श हटाने के बाद कश्मीर घाटी में कुछ पर्यटक लौटें हैं. पिछले कुछ दिनों में उनके वाहनों पर पथराव की छिटपुट घटनाएं हुई हैं. घाटी में संचार सुविधाओं पर आंशिक रोक लगे 94वें दिन हो गए हैं. लैंडलाइन और पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं बहाल कर दी गई है लेकिन सभी इंटरनेट सेवाएं पांच अगस्त से निलंबित हैं. सबसे ज्यादा कुरियर सेवाएं प्रभावित हुई हैं. यहां एक कुरियर सेवा चलाने वाले एम ए मीर ने कहा, ‘‘इंटरनेट सेवाओं की अनुपलब्धता के कारण कारोबार रुक गया है. लोग ऑनलाइन खरीददारी नहीं कर पा रहे हैं इसलिए डिलीवरी करने के लिए कुछ है ही नहीं.’’
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