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यरुशलम पर ट्रंप के फैसले को लेकर इस्तांबुल में हजारों लोग सड़कों पर उतरे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम को इज़राइल की राजधानी घोषित करने के बाद से ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस फैसले के विरोध में प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया है।

Updated on: 08 Dec 2017, 06:14 PM

highlights

  • ट्रंप के फैसले के विरोध में इस्तांबुल में हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन
  • डोनाल्ड ट्रंप ने यरुशलम को इजरायल की राजधानी घोषित की थी, फैसले का हो रहा विरोध

 

नई दिल्ली:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम को इज़राइल की राजधानी घोषित करने के बाद से ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस फैसले के विरोध में प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया है।

ट्रंप के फैसले के विरोध में टर्की की राजधानी इस्तांबुल में हजारों लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के यरुशलम को इज़राइल की राजधानी घोषित करने के फैसले पर संयुक्त सुरक्षा समिति की बैठक भी बुलाई गई थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता दिये जाने से बेहद नाराज फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने फैसले की निंदा की थी।

राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने ट्रंप के फैसले को खारिज करते हुए कहा था कि वह सभी अंतर्राष्ट्रीय और द्विपक्षीय प्रस्तावों का उल्लंघन करता है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, अब्बास ने कहा था कि इस मामले में इजरायल को कोई भी रियायत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यरुशलम फिलीस्तीन की मूल राजधानी है।

ट्रंप के फैसले से बेहद नाराज इस्लामी हमास ने फिलीस्तीनियों से 'जन विद्रोह' का आह्वान किया था। हमास का यह आह्वान वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और पूर्वी यरुशलम में बड़े पैमाने पर हो रहे प्रदर्शनों के बीच आया है। व्यापक हड़ताल के कारण दुकानें बंद रही और स्थानीय बाजारों में व्यवसाय प्रभावित रहा।

वेस्ट बैंक के रामल्लाह, बेथलेहम और हेब्रोन शहरों के साथ पूर्वी यरुशलम और गाजा पट्टी में भी विरोध प्रदर्शन हुए। दर्जनों की संख्या में युवकों ने ट्रंप के कदम पर गुस्सा जाहिर करते हुए गाजा के विभिन्न हिस्सों में रात भर टायरों को आग से जलाकर प्रदर्शन किया।

दूसरी तरफ ट्रंप के इस फैसले पर सऊदी अरब ने भी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। सऊदी अरब ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई थी और इसे 'अन्यायपूर्ण और गैर-ज़िम्मेदाराना' बताया था। ट्रंप ने विवादित शहर पर अपनी (अमेरिका की) सात दशकों के चल रही अस्पष्ट नीति पर तस्वीर साफ करते हुए यह ऐलान किया था।

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इतना ही नहीं ट्रंप ने तेल अवीव से अमेरिकी दूतावास को यरुशलम स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को भी शुरू करने का निर्देश दिया था।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को यरुशलम को इजरायल की राजधानी घोषित करने पर इसे साहसिक कदम बताते हुए ट्रंप को धन्यवाद दिया था।

भारत ने ट्रंप के इस कदम पर अपना रुख साफ करते हुए कहा था कि, 'फिलिस्तीन पर भारत का रुख़ स्वतंत्र है और उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। ये हमारे अपने हित और दृष्टिकोण पर निर्भर करता है और किसी तीसरे देश के कारण निर्धारित नहीं होता।'

इस विवादित फैसले के बारे में ट्रंप ने अपने 2016 राष्ट्रपति चुनाव के दौरान वादा भी किया था, जिसका उनके समर्थकों ने स्वागत किया था।

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