कोरोना के हर वैरिएंट के लिए कारगार होगा ये सुपरवैक्सीन
अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अभी से ही इस पर रिसर्च शुरू कर दी है. वैज्ञानिकों के अनुसार, किसी को पता नहीं है कि कौन-सा वायरस अगली महामारी को पैदा कर दे, ऐसे में अभी से ही हर तरह की तैयारी करनी होगी.
highlights
- हर तरह के वैरिएंट पर कारगर साबित होगी ये वैक्सीन
- भविष्य में आने वाली ऐसी किसी महामारी को रोकने में मदद करेगी
- इसे सेकंड जनरेशन वैक्सीन बताया गया है, जो sarbecoviruses पर हमला करती है
नई दिल्ली:
कोरोना वायरस महामारी का सामना कर रही दुनिया अब इसके अलग-अलग वैरिएंट से परेशान है. अलग-अलग देशों में कोरोना के कई वैरिएंट सामने आ रहे हैं, जो चिंता बढ़ा रहे हैं. लेकिन अब वैज्ञानिक ऐसी वैक्सीन बनाने पर काम कर रहे हैं जो हर तरह के वैरिएंट पर कारगर साबित होगी, साथ ही भविष्य में आने वाली ऐसी किसी महामारी को रोकने में मदद करेगी. सुत्रों के मुताबिक वैज्ञानिकों ने एक ऐसी वैक्सीन बनाई है, जो कोविड-19 के अलावा कोरोना वायरस के अन्य सभी वैरिएंट पर असर करती है. वैज्ञानिकों द्वारा अभी इसका ट्रायल चूहों पर किया गया है. अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अभी से ही इस पर रिसर्च शुरू कर दी है. वैज्ञानिकों के अनुसार, किसी को पता नहीं है कि कौन-सा वायरस अगली महामारी को पैदा कर दे, ऐसे में अभी से ही हर तरह की तैयारी करनी होगी.
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स्टडी में इसे सेकंड जनरेशन वैक्सीन बताया गया है, जो sarbecoviruses पर हमला करती है. Sarbecoviruses कोरोना वायरस फैमिली का ही हिस्सा है. इसी फैमिली के दो वैरिएंट ने पिछले दो दशकों में तबाही मचाई है, पहले SARS और फिर कोविड-19. जिन वैज्ञानिकों की टीम इस मिशन पर काम कर रही है, उन्होंने mRNA तरीका अपनाया है. उन्होंने mRNA तरीका अपनाया है. यही तरीका फाइजर और मॉडर्ना ने मौजूदा वैक्सीन को डेवलेप करने के लिए अपनाया था. हालांकि, यूनिवर्सल वैक्सीन इसी तरीके से सभी तरह के कोरोना वायरस को मात दे सकेगी.
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चूहों पर जब इस वैक्सीन का ट्रायल किया गया, तब वैक्सीन ने कई ऐसी एंटीबॉडी डेवलेप की जो कई स्पाइक प्रोटीन का सामना कर सकती हैं. इसमें साउथ अफ्रीका में पाए गए B.1.351 जैसे वैरिएंट भी शामिल रहे. स्टडी में बताया गया है कि इस वैक्सीन में किसी तरह के आउटब्रेक को रोकने की ताकत होगी. जिन चूहों का ट्रायल के दौरान इस्तेमाल किया गया, वो SARS-CoV और कोरोना के अन्य वैरिएंट से पीड़ित थे. अभी इसमें टेस्टिंग जारी है और सबकुछ ठीक रहा तो अगले साल मनुष्यों पर ट्रायल शुरू हो सकता है. रिसर्चर्स का कहना है कि हमारा प्लान अभी काम कर रहा है, अगर ये सही चला तो हम यूनिवर्सल वैक्सीन को बना सकते हैं और ये कोरोना फैमिली की तीसरी महामारी से पहले दुनिया में आ सकती है.
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