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इस साल मानसून में बाढ़ की चपेट में आए 22 राज्य, लगभग 2000 लोगों की मौत

भारी बारिश के चलते अन्य दूसरी प्राकृतिक आपदाओं में करीब 2000 लोगों की मौत हो गई

Updated on: 04 Oct 2019, 10:31 PM

नई दिल्‍ली:

इस बार मानसून सीजन (Monsoon) में खूब जमकर बारिश हुई भारी बारिश (Heavy rain) के चलते लगभग पूरे देश में बाढ़ (Flood) जैसा माहौल बना रहा. देश के 22 राज्य बाढ़ से प्रभावित रहे जबकि भारी बारिश के चलते अन्य दूसरी प्राकृतिक आपदाओं में करीब 2000 लोगों की मौत हो गई, जबकि लगभग 50 लोगों के लापता (Missing) होने की खबर है. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) के आंकड़ों की माने तो, इस बार मानसून में 22 राज्‍यों के 25 लाख से भी ज्‍यादा लोग बाढ़ और भूस्‍खलन जैसी समस्‍याओं से प्रभावित हुए. बाढ़ और भूस्‍खलन (Landslide) के कारण महाराष्ट्र में सबसे ज्‍यादा 382 लोगों की मौत हुई. इसके बाद पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 227 लोगों की आकाशीय बिजली गिरने और बाढ़ की वजह से जान गई. देश के 357 जिले भारी बारिश के कारण बाढ़ की चपेट में आए. बाढ़ के चलते पूरा देश त्राहिमाम था.

साल 1984 के बाद पहली बार हुई इतनी बारिश
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के ने बताया कि इस साल मानसून के चार महीनों में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है. इस बार 1984 से अब तक की सबसे ज्‍यादा बारिश दर्ज की गई है. भारी बारिश के चलते महाराष्‍ट्र के 22 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए थे. राज्‍य में 382 लोगों की मौत के अलावा 369 लोग घायल हो गए, जबकि 7.19 लाख लोगों को 305 शिविरों में शरण लेनी पड़ी. वहीं पश्चिम बंगाल में भी 22 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए, जिसमें 227 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, जबकि 37 लोग प्राकृतिक आपदाओं में जख्‍मी में हो गए. वहीं, राज्‍य के 45 हजार लोगों को 280 शिविरों में सिर छुपाने को मजबूर होना पड़ा.

हजारों मवेशी बाढ़ की वजह से लापता हो गए
गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल की मानसूनी बारिश से आई बाढ़ में लगभग 750 लोगों के घायल होने की खबर है तो वहीं 20 हजार से भी ज्यादा मवेशियों के लापता होने की खबर भी है. कई प्रदेशों में कई दिनों तक जारी मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने 1.09 लाख मकानों को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया. जबकि 2.05 लाख मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्‍त हो गए. बाढ़ के पानी ने 14.14 लाख हेक्‍टेयर फसलों (Crop) को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया. एक अधिकारी ने बताया कि मानसून के दौरान प्राकृतिक आपदाओं में लगभग 2 हजार लोगों की मौत हुई है. आपको बता दें कि मौजूदा समय में भी बिहार और उत्तर प्रदेश सहित देश के कुछ हिस्‍सों में जबरदस्‍त बारिश हो रही है. मानसून अभी भी सक्रिय है, जबकि 30 सितंबर को मानसून खत्‍म होने की आधिकारिक घोषणा कर दी गई थी.

बिहार में जारी है जल प्रलय
बिहार (Bihar) में अब भी जल प्रलय जारी है. राज्य में बाढ़ की वजह से लगभग 165 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि लगभग सवा लाख लोगों को 235 शरणार्थी कैंपों में शरण लेनी पड़ी. राज्‍य के 27 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इस बार मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) भी बाढ़ आपदा से अछूता नहीं रहा है. राज्‍य में भारी बारिश, भूस्‍खलन और बाढ़ के कारण 182 लोगों की जानें गईं जबकि 38 लोग घायल हो गए. वहीं, सात लोग लापता हैं. राज्‍य के 32,996 लोगों ने 98 कैंपों में शरण ली हुई है. केरल (Kerala) में मानसून सीजन के दौरान 181 लोगों की मौत हो गई, जबकि 72 जख्‍मी हो गए हैं. राज्‍य में 13 जिलों के 15 लोग गुमशुदा हैं. राज्‍य में बनाए गए 2,227 कैंप में 4.46 लाख लोगों ने शरण ली हुई है.

असम, कर्नाटक और गुजरात में भी जल प्रलय
मानसूनी बारिश की वजह से असम (Assam) में 97 लोगों को जान गंवानी पड़ी. राज्‍य के 32 जिलों में बाढ़ के कारण 5.35 लाख लोगों को शरणार्थी शिविरों में रहना पड़ रहा है. वहीं कर्नाटक (Karnataka) में भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ के चलते लगभग 106 लोगों की मौत हुई, जबकि 14 लोग घायल हुए. वहीं, राज्‍य के 13 जिलों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण छह लोग लापता हैं. गुजरात (Gujarat) के 22 जिलों में बाढ़ आ गई है. राज्य में प्राकृतिक आपदा के कारण लगभग 170 लोगों की मौत हो गई जबकि 17 लोग घायल हो गए हैं. अलग-अलग जिलों में बनाए गए 102 राहत शिविरों में 17 हजार से ज्यादा लोगों ने शरण ली है.