प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उन्होंने लक्ष्मी ऑटो इंडस्ट्रीज और उसके सहयोगियों सतीश कुमार गुप्ता और परमिंदर सिंह और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अभियोजन शिकायत (आरोप पत्र) दायर किया है।
ईडी ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों पर तत्कालीन सहायक प्रबंधक श्रवण कुमार सिंघल, तत्कालीन शाखा प्रबंधक अवधेश कुमार गुप्ता पर बैंक को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।
चार्जशीट जिला एवं सत्र न्यायाधीश, देहरादून कोर्ट में दायर की गई थी। अदालत ने आरोप पत्र की जांच के बाद मामले का संज्ञान लिया और सुनवाई की अगली तारीख तय की।
ईडी ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर प्राथमिकी और चार्जशीट के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।
ईडी को जांच में पता चला है कि आरोपी व्यक्तियों ने बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से जाली दस्तावेजों के आधार पर लक्ष्मी ऑटो इंडस्ट्रीज के नाम और शैली में नट और बोल्ट की एक निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए 1.71 करोड़ रुपये का ऋण लिया। आरोपी द्वारा लिए गए ऋण का उपयोग निर्दिष्ट उद्देश्य के लिए नहीं किया गया था। इस प्रकार, साजिश और धोखाधड़ी का सहारा लेकर, आरोपी व्यक्तियों ने बैंक को नुकसान पहुंचाया और खुद को गलत लाभ पहुंचाया।
धोखाधड़ी से लिया गया कुल ऋण 1.71 करोड़ रुपये था और मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू होने के बाद, आरोपी ने 1.38 करोड़ रुपये का एकमुश्त निपटान किया।
ईडी अधिकारी ने कहा, तदनुसार, पीएमएलए के प्रावधानों के अनुसार 33 लाख रुपये के अपराध की बाकी आय को कुर्क किया गया था।
मामले में आगे की जांच जारी है।
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Source : IANS