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ये राज्य बनेंगे कोरोना की तीसरी लहर का कारण, इसलिए बड़ा हो गया खतरा

विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लगातार आशंकित बने हुए हैं. इसकी एक बड़ी वजह है 60 सालों से अधिक उम्र के लोगों में टीकाकरण की दर काफी कम है.

Updated on: 03 Sep 2021, 07:44 AM

highlights

  • 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में टीकाकरण का राष्ट्रीय औसत 947.13
  • तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में यह औसत है बहुत कम
  • अभी तक देश के 31.4 फीसदी बुजुर्गों को वैक्‍सीन की दोनों डोज मिलीं

नई दिल्ली:

कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) से जंग में टीकाकरण (Vaccination) को ही एकमात्र प्रभावी हथियार मानने के बाद भारत में टीकों की रफ्तार बढ़ी है. फिर भी विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लगातार आशंकित बने हुए हैं. इसकी एक बड़ी वजह है 60 सालों से अधिक उम्र के लोगों में टीकाकरण की दर काफी कम है. ऐसे में विशेषज्ञ अंदेशा जता रहे हैं कि यदि तीसरी लहर आई तो उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, झारखंड, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य इसके लिए प्रसारक का काम करेंगे. उनके इस अंदेशे की एक बड़ी वजह इन राज्यों में 60 सालों से अधिक उम्र को लोगों में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) कम लगी है. 

इन राज्यों में राष्ट्रीय औसत से कम दी गई है बुजुर्गों को डोज
आंकड़ों की भाषा में बात करें तो इन राज्यों में प्रति 1000 लोगों में वैक्सीननेशन की दर कम होना है. आंकड़े बताते हैं कि 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में कोरोना टीकाकरण का राष्ट्रीय औसत 947.13 है. इसकी तुलना में तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में यह औसत क्रमशः 523.05 डोज, 651.12 और 853.48 है. यहां यह भी नहीं भूलना चाहिए कि इन्हीं तीन राज्‍यों में 60 साल से अधिक उम्र की एक करोड़ से ज्‍यादा बुजुर्ग आबादी है. ओआरएफ ट्रैकर के मुताबिक महाराष्‍ट्र में भी 60 साल से ज्‍यादा उम्र के लोगों की संख्‍या 1.45 करोड़ है, लेकिन यहां इस उम्र के टीकाकरण की दर राष्ट्रीय औसत से भी बेहतर यानी 951.12 है. ओआरएफ के सीनियर फेलो-हेल्‍थ इनीशिएटिव ओम्‍मन सी कुरियन के मुताबिक भी अगर बुजुर्गों का कोरोना टीकाकरण कम रहा तो पहली और दूसरी लहर की तुलना में संभावित तीसरी लहर में बड़ी संख्या में संक्रमित सामने आ सकते हैं.

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31.4 फीसदी बुजुर्गों को ही लगी कोरोना की दोनों डोज
ओआरएफ के आंकड़ों के अनुसार 27 अगस्‍त तक 60 साल से ज्‍यादा उम्र की 61.6 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्‍सीन की कम से कम एक डोज दी जा चुकी है. 31.4 फीसदी बुजुर्गों को वैक्‍सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं. तमिलनाडु और पंजाब जैसे राज्‍यों में बुजुर्ग आबादी का अनुपात ज्‍यादा है, लेकिन टीकाकरण का प्रसार कम है. ऐसे में इन राज्‍यों को अगली लहर में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो इन राज्यों को अपनी बुजुर्ग आबादी के टीकाकरण की रफ्तार पर जोर देना होगा. उनके मुताबिक 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में उम्रजनित बीमारियां ज्‍यादा होती हैं. ऐसे में कोरोना टीकाकरण दर कम होने से इस आबादी में कोविड-19 संक्रमण से मौत का खतरा कहीं ज्‍यादा बढ़ जाता है.