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पुलवामा के एक साल बाद सुरक्षा में किए गए ये जरूरी इंतजाम

14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुआ आतंकी (Pulwama Attack) हमला शायद ही कोई भूल सकता है. जब केंद्रीय रिजर्व फोर्सेज के काफिले पर हमला हुआ था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान देश के लिए कुर्बान हो गए थे.

Updated on: 14 Feb 2020, 08:07 AM

नई दिल्ली:

14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुआ आतंकी (Pulwama Attack) हमला शायद ही कोई भूल सकता है. जब केंद्रीय रिजर्व फोर्सेज के काफिले पर हमला हुआ था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान देश के लिए कुर्बान हो गए थे. जानकारी के मुताबिक इस हमले को पाकिस्तान द्वारा वित्त पोषित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था. इस हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश के कैंप पर भारत ने एयर स्ट्राइक की थी.

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सरकार ने दावा किया था कि भारत की तरफ से की गई इस जवाबी कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के सभी आतंकी ठिकानों को तहस नहस कर दिया गया. हालांकि सरकार के दावों पर सवाल भी खड़े होते रहे. पुलवामा हमले के बाद इंटेलिजेंस इनपुट को नजरअंदाज करने की बात भी सामने आई थी.

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इस घटना के एक साल बाद भी यह सवाल है कि हम भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कर रहे हैं. क्या हम एक बेहतर सुरक्षा के इंतजाम कर पाए हैं?

ये बदलाव हुए

पुलवामा की घटना से सबक लेते हुए अब सीआरपीएफ के जवानों के काफिले में न ले जाकर हवाई जहाज के रास्ते भेजा जाता है. एयर इंडिया के जरिए सीआरपीएफ के जवानों को एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली आने जाने की फ्री सुविधा दी गई है. इसके साथ ही सप्ताह में 3 दिन, जम्मू से श्रीनगर और श्रीनगर से जम्मू एयर इंडिया की फ्लाइट उड़ान भरती है. वहीं अगर प्राइवेट विमान से कोई जवान यात्रा करता है तो उसे यात्रा का बिल जमा करने के बाद खर्च की गई राशि वापस मिल जाती है.

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सीआरपीएफ से जुड़े महत्वपूर्ण उपकरण अभी भी काफिले से ही लाया-ले जाया जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीआरपीएफ के कॉन्वाय के मूवमेंट के लिए खास एसओपी तैयार की गई है. सुरक्षा लिहाज से पूरी जानकारी नहीं मिली है.

रूट पर आईईडी के खतरे को देखते हुए सीआरपीएफ के कॉन्वाय मूवमेंट के समय लिंक रोड बंद करने का भी आदेश दिया गया है. जानकारी के मुताबिक जवाहर टनल से श्रीनगर तक नेशनल हाईवे पर अलग-अलग जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इसके अलावा काफिले में गाड़ियों की संख्या कम की जा रही है. इसके साथ ही बुलेटप्रूफ और एंटीमाइन गाड़ियों की संख्या बढ़ा दी गई है.