फाइन लिए बगैर नहीं छोड़ते रेलवे के ये चार TC, करोड़ों रुपये कर चुके हैं वसूली

सेंट्रल रेलवे के चार टिकट जांच कर्ताओं (TC) ने 2019 में बगैर टिकट यात्रियों से करोड़ों रुपये वसूले हैं. इन्हीं टिकट जांच कर्ताओं में एक एसबी गलांदे भी हैं. एसबी गलांदे ने 2019 में बेटिकट यात्रियों से 1.51 करोड़ रुपये की वसूली की है.

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Dhirendra Kumar
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फाइन लिए बगैर नहीं छोड़ते रेलवे के ये चार TC, करोड़ों रुपये कर चुके हैं वसूली

भारतीय रेलवे (Indian Railway)( Photo Credit : फाइल फोटो)

भारतीय रेलवे (Indian Railway) के टिकट की जांच करने वाले कर्मचारियों ने रिकॉर्ड बना दिया है. दरअसल, सेंट्रल रेलवे (Central Railway) के चार टिकट जांच कर्ताओं (TC) ने 2019 में बगैर टिकट यात्रियों से करोड़ों रुपये वसूले हैं. इन्हीं टिकट जांच कर्ताओं में एक एसबी गलांदे भी हैं. एसबी गलांदे ने 2019 में बेटिकट यात्रियों से 1.51 करोड़ रुपये की वसूली की है. गलांदे ने रोजाना औसतन 72 बेटिकट यात्रियों का पकड़ा है.

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1.45 करोड़ रुपये की वसूली के साथ दूसरे स्थान पर रहे रवि कुमार
वहीं दूसरे अन्य टीसी रवि कुमार ने पिछले साल बेटिकट यात्रियों से 1.45 करोड़ रुपये वसूला है. उन्होंने 20657 बेटिकट यात्रियों से वसूली की है. 1.45 करोड़ रुपये की वसूली के साथ रवि कुमार दूसरे स्थान पर रहे हैं. उनके दो साथी एमएम शिंदे ने 16035 बेटिकट यात्रियों से 1.07 करोड़ रुपये और डी कुमार ने 15264 बेटिकट यात्रियों से 1.02 करोड़ रुपये वसूले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक TC रोजाना औसतन करीब 8 बेटिकट यात्रियों को पकड़ता है. इसके अलावा एक टीसी सालाना औसतन 6.3 लाख रुपये की वसूली भी करता है. जानकारी के मुताबिक एक टीसी की औसत मासिक सैलरी 50,000 रुपये से 60,000 रुपये के बीच होती है.

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एसबी गलांदे का कहना है कि उनके लिए ट्रेन ही उनका घर है और अपना तकरीबन 12 से 13 घंटे का समय ट्रेन में ही बिताते हैं. उनका कहना है कि उनके परिवार में पत्नी, मां और दो छोटे बच्चे हैं. रवि कुमार फिलहाल मुंबई डिविजन में तैनात हैं. मौजूदा समय में लोकल ट्रेनों और मुंबई में चलने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों में चलते हैं. रवि कुमार कहते हैं कि उनका बेटा नोएडा में एक कंपनी में जनरल मैनेजर है जबकि बेटी एक बैंक में डिप्टी मैनेजर है.

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आसान नहीं टीसी का काम
टिकट जांच कर्ताओं का कहना है कि उनके लिए यह काम आसान नहीं है. कई बार ऐसे मौके आते हैं जब टिकट नहीं होने पर आपको धमकियां दी जाती हैं. फर्जी मामलों में फंसाने की भी धमकी दी जाती है. बता दें कि अप्रैल से दिसंबर 2019 के दौरान टीसी पर हमलों के 6 मामले दर्ज किए गये थे.

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