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किसान आंदोलन के बीच बॉर्डर पर होगा सगाई समारोह

सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है. दूसरी ओर फिर से बातचीत शुरू हो इसके लिए किसान और सरकार दोनों तैयार हैं, लेकिन अभी तक बातचीत की टेबल पर नहीं आ पाए हैं.

Updated on: 20 Feb 2021, 10:05 PM

highlights

  • सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है.
  • अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है.
  • दूसरी ओर फिर से बातचीत शुरू हो इसके लिए किसान और सरकार दोनों तैयार हैं.

नई दिल्ली :

कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हो रहे विरोध प्रदर्शन लोगों को इतना भाने लगा है कि अब लोग बॉर्डर पर सगाई करने की इच्छा भी जताने लगे हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान नेताओं के अनुसार आगामी 2 तारीख को एक सगाई का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. दरअसल गाजीपुर बॉर्डर पर एक नया मीडिया सेंटर बनाया गया है, जहां मीडिया कर्मियों की बैठने की व्यवस्था की गई है, लेकिन जान कर हैरानी होगी कि जल्द ही उसी मीडिया सेंटर में एक सगाई भी होने वाली है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि, "हमने एक मीडिया सेंटर बनाया है वहीं इसमें शादी समारोह जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे. कुछ लोगों ने सगाई करने की इच्छा जताई, तो वे लोग 2 मार्च में बॉर्डर आकर सगाई करेंगे."

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हालांकि जो बॉर्डर पर सगाई या शादी करने की इच्छा जता रहे हैं उनको राकेश टिकैत द्वारा ये भी कहा गया है कि, जो भी बॉर्डर पर इस तरह का कार्यक्रम करेगा उन्हें जवानों के रिलीफ फंड में पैसा देना होगा. राकेश टिकैत के बताया, "आगामी 2 मार्च को होने वाली सगाई में लड़का और लड़की के परिजनों ने कहा है कि, 51 हजार रुपए का चैक डीएम को सौपेंगे."

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सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है. दूसरी ओर फिर से बातचीत शुरू हो इसके लिए किसान और सरकार दोनों तैयार हैं, लेकिन अभी तक बातचीत की टेबल पर नहीं आ पाए हैं. दरअसल तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

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किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं .