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जम्‍मू-कश्‍मीर विधानसभा में पीओके (POK) के लिए 24 सीटें होंगी, राम माधव ने दी जानकारी

बीजेपी के महासचिव राम माधव ने कहा, जम्‍मू-कश्‍मीर में कई ऐसे समूह हैं, जो बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित हैं.

Updated on: 17 Aug 2019, 08:26 AM

highlights

  • जम्‍मू-कश्‍मीर विधानसभा में 114 सीटें होंगी
  • 90 सीटें जम्‍मू-कश्‍मीर के लिए होंगी, 24 POK के लिए
  • लद्दाख में नहीं होगी विधानसभा 

नई दिल्ली:

बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता और जम्‍मू-कश्‍मीर के प्रभारी महासचिव राम माधव ने कहा है कि जम्‍मू-कश्‍मीर को लेकर एक विधेयक तैयार किया गया है. अक्‍टूबर के अंत तक यह कानून बन जाएगा. 31 अक्‍टूबर के बाद कुछ समय के लिए जम्‍मू-कश्‍मीर केंद्र शासित प्रदेश रहेगा. उन्‍होंने कहा कि इस बारे में गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में स्‍पष्‍ट भी कर दिया है कि हालात सामान्‍य होने पर जम्‍मू-कश्‍मीर को फिर से पू्र्ण राज्‍य का दर्जा दे दिया जाएगा.

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राम माधव ने बताया कि जम्‍मू-कश्‍मीर में विधानसभा की सीटों का फिर से परिसीमन किया जाएगा. प्रस्‍तावित केंद्र शासित प्रदेश में 114 सीटें होंगी, जिनमें से 24 पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर के लिए होगा. वे सीटें फिलहाल खाली रहेंगी. शेष 90 सीटें जम्मू और कश्मीर के लिए होंगी.

बीजेपी के महासचिव राम माधव ने कहा, जम्‍मू-कश्‍मीर में कई ऐसे समूह हैं, जो बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित हैं. हम कश्मीरी पंडितों के बारे में जानते हैं. वे अपने ही देश में शरणार्थी के रूप में रहने को मजबूर हैं. उनके अधिकारों की पुनर्व्यवस्था की जाएगी. पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी भी यहां हैं, उनके अधिकार भी उन्हें वापस दिए जाएंगे.

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बता दें कि बीते 5 अगस्‍त को केंद्र सरकार ने जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 और 35ए को निष्‍प्रभावी कर दिया था. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने संसद में विधेयक पास कराकर राज्‍य को दो भागों में विभाजित करने का रास्‍ता साफ कर दिया था. अब जम्‍मू-कश्‍मीर एक राज्‍य तो लद्दाख दूसरा राज्‍य होगा. हालांकि अभी दोनों राज्‍य केंद्र शासित होंगे. जम्‍मू-कश्‍मीर में विधानसभा होगी, लेकिन लद्दाख विधानसभा रहित केंद्र शासित प्रदेश होगा. दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में अब उपराज्‍यपाल होंगे.