20 विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने की सिफारिश पर दिल्ली के डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया चुनाव आयोग पर बिफर पड़े।
सिसोदिया ने कहा, 'कोई सुनवाई नहीं हुई और न ही हमें अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया।' दिल्ली के डिप्टी सीएम ने चुनाव आयोग के फैसले को गलत और अलोकतांत्रिक भी बताया।
उन्होंने कहा, 'जिन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है वो राष्ट्रपति से मिलेंगे और उनके सामने अपना पक्ष रखेंगे।'
मनीष सिसोदिया ने आम आदमी पार्टी के विधायकों और मंत्रियों पर संसदीय सचिव रखे जाने पर उसे लाभ का पद करार देने पर विरोधियों पर भी हमला बोला।
सिसोदिया ने कहा, 'बीजेपी और कांग्रेस शासित राज्यों में संसदीय सचिव रखे जाते हैं और उन्हें वेतन से लेकर सारी सुविधाएं दी जाती है लेकिन उसपर कोई सवाल नहीं उठाता।' उन्होंने कहा, 'आम आदमी पार्टी ने किसी को कोई लाभ का पद नहीं दिया और न ही इसके लिए उन्हें कोई वेतन दिया गया।'
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उप-मुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा, 'बीजेपी किसी भी तरह आम आदमी पार्टी को तोड़ने की कोशिश में लगी हुई है।'
डिप्टी सीएम ने दावा किया कि जिनको संसदीय सचिव बनाया उन्होंने लोगों के काम के लिए अपने निजी पैसे को खर्च किया ताकि जनता का काम हो सके। सिसोदिया ने इसे बीजेपी और कांग्रेस की साजिश बताया ताकि पार्टी को बदनाम किया जा सके।
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Source : News Nation Bureau