कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए देश मे लॉकडाउन है. जिसके बाद लोगों के पास खाने के लिए राशन की समस्या पैदा हो रही है. हालांकि प्रशासन लोगों के घरों तक राशन पहुंचा रहा है. लेकिन अब भी कुछ लोग राशन से अछूते हैं. आर्थिक तंगी की वजह से एक महिला ने सुजान गंगा नहर में कूद कर आत्महत्या कर ली. जिसके बाद महिला के शव को कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में बाहर निकलवाया गया और आज शव का पोस्टमार्टम कर शव को उसके परिजनों को सौप दिया गया है.
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मृतक महिला का बेटा सर्दियों के मुगफली और गर्मियों में बर्फ का ठेला लगाता है. लेकिन लॉक डाउन के बाद उनका रोजगार पूरी तरह से ठप हो गया और उसके लिए राशन की समस्या पैदा हुई. जिसके बाद मृतका कमला के बेटे नरेंद्र ने आसपास के लोगों और अपने रिश्तेदारों से कुछ पैसे जुटाए और जैसे तैसे कर अपना घर चलाया. लेकिन नरेंद्र और उसके माँ को इसी बात की फिक्र थी कि वह अब उनका कर्ज कैसे उतारेंगे.
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नरेंद्र ने बताया कि पहले 14 अप्रेल तक का लॉक डाउन था लेकिन दोबारा लॉक डाउन बढ़ाने के बाद उनके परिवार की स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई. क्योंकि न तो कोई उनको पैसे देने वाला था और न हो कोई उनके घर मे राशन भरवाने वाला.
वहीं नरेंद्र ने बताया कि कोरोना की वजह से लॉक डाउन के बाद सब काम धंधा बंद हो गया और घर मे रखा राशन खत्म हो गया. जिसके बाद समाज से मदद मांगी और रिश्तेदारों से भी कुछ पैसे उधार लिए. लेकिन वह भी खत्म हो गए. जिसकी वजह से नरेंद्र की माँ को काफी तनाव था. जिसके बाद शुक्रवार सुबह ही वह घर से बाहर निकल गईं और शाम को सुजान गंगा नहर में मिला है.
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वही जब इस मामले का भरतपुर के समाज सेवियों को पता लगा तो वे आगे आये और उन्होंने महिला के दाह संस्कार के लिए राशि दी. एक समाजसेवी ने बताया कि नरेंद्र के घर की स्थिति काफी खराब है और इस समय उनके पास खाने के लिए खाना भी नहीं है. मृतका के बेटे के पास इतने पैसे भी नही हैं कि वह अपनी मां का अंतिम संस्कार कर सके. जिसके बाद जय श्री बांके बिहारी सेवा समिति की तरफ से दाह संस्कार का पूरा खर्चा उठाया गया.