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केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को उन आरोपों को खारिज किया, जिसमें कहा गया है कि पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद के खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां तर्कसंगत आधार पर सबूतों के मद्देनजर काम करती हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एजेंसियां अदालत के प्रति उत्तरदायी हैं। जांच के बाद मामला दायर किया जाता है, जिसका फैसला अदालत करती है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेटली से चिदंबरम और लालू प्रसाद के बयानों के हवाले से सवाल पूछा गया कि डराने के लिए राजनीतिक साजिश के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
इसपर वित्त मंत्री जेटली ने जवाब देते हुए कहा, 'मैं किसी खास मामले पर टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि जांच एजेंसियां सबूतों के आधार पर काम करती हैं और उन्हें अदालत में मामला साबित करना होता है। तो चाहे यह तथ्यों पर आधारित हो या राजनीतिक प्रतिशोध पर, इसका फैसला अदालत करेगी ना कि मीडिया या संसद।'
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विपक्ष के दो प्रमुख नेताओं- कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बेटे और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के ठिकानों पर 16 मई को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी की थी।
कार्ति चिदंबरम पर एक मीडिया कंपनी को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलवाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है, जबकि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर बेनामी जमीन सौदों का आरोप है।
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Source : IANS