ब्रिटेन के संसद में जम्मू कश्मीर के हालत पर चर्चा होने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ा ऐतराज जताया है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि जम्मू कश्मीर के मामले कोई भी तीसरा पक्ष हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
ब्रिटेन के संसद में एक प्रस्ताव लाकर जम्मू कश्मीर में तनाव के हालात पर भारत और पाकिस्तान दोनों को सावधानी रखते हुए इसके समाधान पर बात करने की सलाह दी है।
ब्रिटेन के संसद में जो प्रस्ताव रखा गया है उसमें कहा गया है कि ब्रिटेन का किसी भी संप्रभु राष्ट्र के आतंरिक मामलों में दखल देने का कोई मकसद नहीं है लेकिन हम इम विवादित मुद्दे पर दोनों देशों की सुविधा के लिए मदद करने को तैयार हैं।
ये बाते वहां के एक संसद बॉब ब्लैकमैन ने कही है जो कश्मीरी पंडितों के अधिकारों के लिए वहां कैंपेन चलाते हैं।
ब्लैकमैन ने कहा, 'वो दिन नहीं भूलना चाहिए जब 1990 के दशक में वहां कश्मीरी पंडितों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा था, मैं पिछले 27 साल से इस मुद्दे को उठा रहा हूं। पूरा लद्दाख और जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है।'
भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का पालन करना चाहिए। ब्रिटेन के सांसद में ये चर्चा सभी पार्टियों के नेताओं के समूह (APPG)ने आयोजित किया था।