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प्रकाश जावड़ेकर (फाइल फोटो)
प्रकाश जावड़ेकर को मोदी सरकार 2.0 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वह पीएम मोदी की पिछली सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्रालय देख रहे थे. नई सरकार में यह मंत्रालय रमेश पोखरियाल निशंक को मिला है.
भले ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय प्रकाश जावड़ेकर के पास नहीं है लेकिन उनके कार्यकाल के कामों का सवाल पीछा नहीं छोड़ रहे हैं. थ्री लैंग्वेज सिस्टम को उनके कार्यकाल में ही लाया गया था. जिसे लेकर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि उनकी या उनके सरकार की मंशा यह बिल्कुल भी नहीं है कि किसी पर कोई भाषा थोपी जाए.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'किसी पर कोई भाषा थोपने का कोई इरादा नहीं है, हम सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना चाहते हैं. यह समिति द्वारा तैयार किया गया एक मसौदा है, जिसे सार्वजनिक प्रतिक्रिया मिलने के बाद सरकार द्वारा तय किया जाएगा.'
I&B Minister Prakash Javadekar on reported proposal of 3-language system in schools: There is no intention of imposing any language on anybody, we want to promote all Indian languages. It's a draft prepared by committee, which will be decided by govt after getting public feedback pic.twitter.com/t16JC3P8bf
— ANI (@ANI) June 1, 2019
बच्चे जिस भी भाषा में पढ़ना चाहते हैं यह उनका अपना अधिकार है. उन्होंने कहा कि इसे लेकर बनी ड्राफ्टिंग कमेटी लोगों का फीडबैक लेने के बाद ही आगे का निर्णय लेगी. प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा कि अभी सिर्फ रिपोर्ट सौंपी गई है. सरकार ने इसे अभी देखा तक नहीं है इसलिए ये गलतफहमी फैल गई है और ये झूठ है. इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. मोदी सरकार भारत की सभी भाषाओं को आगे बढ़ाना चाहती है. इसका मतलब यह नहीं है कि वह जबरन किसी पर कोई भाषा थोपना चाहती है.