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किसान ट्रैक्टर रैली से 15 दिन पहले ही बनाया गया था टूलकिट, और भी कई सनसनीखेज खुलासे

26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा की साजिश कितनी गहरी थी, इसका खुलासा टूल किट की इन्वेस्टीगेशन में साइबर सेल ने सिलसिलेवार किया है.

Updated on: 16 Feb 2021, 12:18 PM

highlights

  • टूलकिट की जांच में सिलसिलेवार खुलासा
  • ट्रैक्टर रैली से 15 दिन बनाया गया था टूलकिट
  • 11 जनवरी को हुई थी एक जूम मीटिंग

नई दिल्ली:

26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा की साजिश कितनी गहरी थी, इसका खुलासा टूल किट की इन्वेस्टीगेशन में साइबर सेल ने सिलसिलेवार किया है. किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में देश को बदनाम करने की 'अंतरराष्ट्रीय साजिश' का खाका 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली से बहुत पहले ही तैयार कर लिया गया था. देश में माहौल खराब करने के लिए साजिशकर्ताओं ने जिस 'टूलकिट' का इस्तेमाल किया था, उसे किसान ट्रैक्टर रैली से 15 दिन पहले तैयार किया गया था. जिसे कई बार एडिट किया गया था, जिसमें कुछ तथ्य जोड़े गए थे. इसका खुलासा तकनीकी जांच के दौरान हुआ है.

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पूरी साजिश का पर्दाफाश करते हुए साइबर सेल ने बताया कि करीब 15 दिन पहले टूलकिट बनाई गई थी. रिपब्लिक डे के पहले 11 जनवरी को एक जूम मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में एमओ धालीवाल, निकिता और दिशा के अलावा करीब 70 लोग शामिल हुए थे. एमओ धालीवाल ने कहा कि मुद्दे को बड़ा बनाना है. मकसद ये था कि किसानों के बीच असंतोष और गलत जानकारी फैलाना है. 26 जनवरी की हिंसा के बाद अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटी और एक्टिविस्ट से संपर्क किया गया. चूंकि दिशा ग्रेटा को जानती थीं इसलिए उसकी मदद ली गई.

साइबर सेल के मुताबिक, टूल किट बहुत सोच समझकर बनाई गई है, जिसमें विस्तार से बताया गया है कि किसे फॉलो करना है, किस हेशटैग को ट्रैंड कराना है. टूलकिट में हाइपर लिंक एड थे, जो बेवसाइट और गूगल ड्राइव से लिंक थे. उस वेबसाइट पर जाएंगे, वो खालिस्तान समर्थक वेबसाइट है. लोग उन डाक्यूमेंटस पर पहुंचकर उसको एक्सेस करते थे. जो प्रो देश विरोधी एजेंडे के लिए थे. टूल किट में पूरी हिंसा की साजिश की थी. देश की धरोहरों को नुकसान पहुंचाने और एंबेसी को टारगेट किया जाना था.

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फिलहाल टूलकिट मामले में दिशा  की गिरफ्तारी हो चुकी है. दिशा ने एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाया था, जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया. पुलिस का दावा है कि दिशा ही नहीं, उसकी साथी निकिता और शांतनु इस पूरी साजिश की अहम कड़ी थे. यह लोग पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन के एजेंडा पर किसान आंदोलन और ट्रैक्टर रैली की आड़ में देश भक्ति मुहिम सोशल मीडिया पर चला रहे थे.

निकिता पेशे से वकील है और शांतनु इंजीनियर. दोनों आरोपियों के खिलाफ अहम सबूत मिलने के बाद पुलिस ने अदालत से गैर वारंट जारी कराने के बाद तलाश शुरू कर दी है. बीते दिनों निकिता जैकेब के घर स्पेशल जांच टीम जांच करने गई थी. निकिता के घर से कई अहम जानकारियां मिली. 2  लैपटॉप और एक आईफोन मिले. फिलहाल आगे भी क्राइम ब्रांच मामले की तफ्तीश में जुटी है.