Nirbhaya Case: पवन की क्यूरेटिव याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 2 मार्च को करेगी विचार
Nirbhaya Case: पवन की क्यूरेटिव याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 2 मार्च को करेगी विचार
highlights
- पवन की क्यूरेटिव याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 2 मार्च पर करेगी सुनवाई.
- पांच जजो की बेंच बंद चैम्बर में क्यूरेटिव याचिका पर विचार करेगी.
- पवन गुप्ता (Pawan Gupta) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल कर दी.
नई दिल्ली:
निर्भया (Nirbhaya Case) के गुनाहगार पवन की क्यूरेटिव याचिका (Pawan Curative Petition) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) 2 मार्च को विचार करेगा. पांच जजो की बेंच बंद चैम्बर में क्यूरेटिव याचिका पर विचार करेगी। पवन के अलावा बाकी तीन दोषियों अक्षय, विनय, मुकेश की क्यूरेटिव अर्जी और राष्ट्रपति के समक्ष दायर की गई दया याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है। निचली अदालत ने चारो दोषियों को 3 मार्च सुबह 6 बजे फांसी के लिए डेथ वारंट जारी किया था.
निर्भया गैंग (Nirbhaya Case) रेप केस के दोषी पवन गुप्ता (Pawan Gupta) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल कर दी. पवन ने सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की है. इस पवन की ओर से फांसी चालने की एक और साजिश के रूप में देखा जा रहा है. चारों दोषियों को एक साथ फांसी देने के लिए 3 मार्च सुबह 6 बजे का डेथ वारंट जारी हो चुका है.
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इस मामले में अन्य तीनों दोषी अक्षय, विनय, मुकेश की क्यूरेटिव और राष्ट्रपति के समक्ष दायर की गई दया याचिका पहले ही खारिज हो चुकी हैं. पवन के पास अभी क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने और राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल करने का कानूनी अधिकार मौजूद है. ऐसे में पवन ने फांसी से चंद दिन पहले ही कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल कर फांसी टालने की एक बार फिर कोशिश की है.
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3 मार्च को टल सकती है फांसी
पवन गुप्ता कानूनी पेचीदगियों के चलते एक बार फिर अपनी फांसी टालने की कोशिश कर सकता है. अगर पवन की तरफ से फांसी के दिन से ठीक पहले यानी 29 फरवरी के बाद क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जाती है तो सुनवाई में समय लगने के कारण 3 मार्च की सुबह फांसी टल सकती है. इसके अलावा पवन के पास एक विकल्प ये भी है कि वो राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाये और जब तक राष्ट्रपति की ओर से इस संबंध में कोई फैसला आये तो उस कारण भी देरी हो सकती है.
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