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आत्मनिर्भर भारत का रास्ता कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से होकर जाता है : गडकरी

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर विमर्श के लिए भोपाल में आयोजित हो रहे तीन दिवसीय कान्फ्रेंस एवं नेशनल एक्सपो 'सार्थक एजुविजन 2021' के उद्घाटन कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि आर्थिक विकास तो आवश्यक है, लेकिन इसके साथ मूल्यों का विकास भी करना है.

Updated on: 14 Mar 2021, 11:20 PM

highlights

  • शिक्षा के उद्देश्य, ज्ञान देना, कौशल विकास देना
  • आर्थिक विकास तो आवश्यक हैः गडकरी
  • 200 शिक्षाविद् और कई कुलपति करेंगे शिरकत

नई दिल्ली:

केंद्रीय सड़क निर्माण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का रास्ता कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से होकर जाता है. विकास के लिए शिक्षा संस्थान देश की आवश्यकता के अनुरूप तकनीक और समाधान उपलब्ध कराएं और समस्यायों के समाधान के लिए काम करें. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर विमर्श के लिए भोपाल में आयोजित हो रहे तीन दिवसीय कान्फ्रेंस एवं नेशनल एक्सपो 'सार्थक एजुविजन 2021' के उद्घाटन कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि आर्थिक विकास तो आवश्यक है, लेकिन इसके साथ मूल्यों का विकास भी करना है. उन्होंने कहा, हम दुनिया से अच्छी तकनीक लाएंगे, लेकिन अपनी भारतीयता को नहीं छोड़ेंगे. हम भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं. इस अवसर पर उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कई आयाम हैं, जिसमें प्राचीन से लेकर वैज्ञानिक शिक्षा तक को शामिल किया गया है.

उन्होंने कहा कि शिक्षा के उद्देश्य, ज्ञान देना, कौशल विकास देना और नागरिकता के संस्कार देना है. भारत की माटी में वर्षो से यह उद्देश्य शामिल है. मध्यप्रदेश सरकार गुणवत्तापूर्ण पूर्व प्राथमिक शिक्षा देने के लिए नौ हजार स्कूल खोलने जा रही है. आत्मनिर्भर भारत के अभियान में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश को लेकर योजना बनाई है, जिसमें अधोसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुशासन और रोजगार एवं अर्थव्यवस्था को शामिल किया गया है. उन्होंने शिक्षा जगत से आह्वान किया कि वे आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने की दिशा में भी सोचें और सुझाव दें.

इससे पहले, आयोजन के उद्घाटन सत्र का आरंभ वैदिक मंत्र उच्चारण एवं स्वस्तिगान के साथ हुआ. इस सत्र में भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने स्वागत उद्बोधन देते हुए आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे, उच्च शिक्षा अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. डी.पी. सिंह, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील कुमार समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन भारतीय शिक्षण मंडल के महामंत्री उमाशंकर पचैरी ने किया. इस अवसर पर गुरुकुल शिक्षा पद्धति पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया.

भारतीय शिक्षा मंडल के आनंद अग्रवाल के अनुसार, भारतीय शिक्षा मंडल द्वारा उच्च शिक्षा अनुदान आयोग, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं देश की अन्य संस्थाओं के सहयोग से आत्मनिर्भर भारत केलिए सार्थक शिक्षा पर मंथन के तीन दिवसीय इस आयोजन में देशभर से आए लगभग 200 शिक्षाविद्, कुलपति एवं विभिन्न उत्कृष्ट संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे.