पुलिस ने मरकज जाकर मौलाना साद (Maulana Saad) का कमरा खंगाला, कब्जे में लिए दस्तावेज
क्राइम ब्रांच की एक टीम ने उनके 2 बेटों की मौजूदगी में मरकज़ में मौलाना साद के कमरे की तलाशी ली, जहां से पुलिस को कुछ दस्तावेज़ मिले हैं. पुलिस इस मामले में काफी सबूत जुटा चुकी है लेकिन मौलाना साद कहां है इस बारे में अबतक पता नहीं चल पाया है.
नई दिल्ली:
तब्लीगी जमात मरकज़ (Tablighi Markaz) मामले में क्राइम ब्रांच (Crime Branch) अब तक जमात प्रबंधन और दूसरे काम काज संभालने वाले खास 18 लोगो से पूछताछ कर चुकी है, जिनमें मौलाना साद (Maulana Saad) के बेटे और जमात प्रबंधन के खास लोग शामिल हैं. साथ ही इस मामले से जुड़े 28 लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं. क्राइम ब्रांच की एक टीम ने उनके 2 बेटों की मौजूदगी में मरकज़ में मौलाना साद के कमरे की तलाशी ली, जहां से पुलिस को कुछ दस्तावेज़ मिले हैं. पुलिस इस मामले में काफी सबूत जुटा चुकी है लेकिन मौलाना साद कहां है इस बारे में अबतक पता नहीं चल पाया है.
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इससे पहले खबर आई थी कि तबलीगी मरकज़ (Tablighi Markaz) का मुखिया मौलाना साद (Maulana Saad) की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट (Corona Test Report) निगेटिव पाई गई है, जबकि उसके दो रिश्तेदार कोरोना पीड़ित पाए गए हैं. बताया जा रहा है कि मौलाना साद दिल्ली के ज़ाकिर नगर इलाके में ही है और निजी डॉक्टरों की टीम उनका चेकअप कर रही है. जो दो रिश्तेदार कोरोना पॉजीटिव पाए गए हैं, वे यूपी के सहारनपुर के रहने वाले हैं. दोनों रिश्तेदारों के बारे में कहा जा रहा है कि वे मरकज़ आए थे.
यह खबर आते ही सहारनपुर प्रशासन ने मुफ्ती इलाके को सील कर दिया है. किसी को भी उस इलाके में आने-जाने की इजाज़त नहीं है. वहां भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है.
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उधर, तब्लीगी जमात के लोगों को ढूंढने के लिए दिल्ली सरकार की 13 हज़ार टीम अब दिल्ली के हर मोहल्ले और कॉलोनी में कोरोना संक्रामित को तलाशने के लिए निकल रही है. दावा किया जा रहा है कि अब जमाती घर में हों या मस्जिद में उनकी जानकारी आसानी से मिल जाएगी.
दिल्ली सरकार की इस टीम को कोरोना फुट वॉरियर्स कंटेंटमेंट एंड सर्विलांस टीम का नाम दिया गया है. टीम में पांच लोग हैं, जो स्थानीय होंगे. यहां तक की दिल्ली पुलिस के बीट सिपाही को भी इसमें शामिल किया गया है. यह टीम घर-घर जाएगी. स्थानीय होने के चलते ये लोग आसानी से जानकारी जुटा सकेंगे. सिपाही के अलावा सिविल डिफेंस के वॉलंटियर और आशा वर्कर या आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी इसमें अहम जिम्मेदारी दी गई है.
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