निर्भया गैंग रेप के बाद जब पहली बार डीसीपी साउथ छाया शर्मा निर्भया से सफदरगंज अस्पताल में मिली तो उसने कहा कि जिन लोगों ने मेरे साथ यह गंदा काम किया है उन्हें छोड़ना मत. निर्भया के ये शब्द आज भी छाया शर्मा के काम में गूंजते हैं. 2012 में हुए इस जघन्य अपराध के बाद से अब तक कुछ चीजें काफी बदल चुकी हैं. इन दिनों में राष्ट्रीय मानवाधिकार कमीशन में बतौर डीआईजी तैनात हैं. छाया ने कहा कि दोषियों को फांसी के साथ ही आज निर्भया को इंसाफ मिल गया. उन्होंने कहा कि इस मामले में दिल्ली पुलिस ने काफी अहम सबूत पेश किए थे. उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि दोषियों को फांसी पर लटकाने में निर्भया की भी अहम योगदान रहा क्योंकि वह कभी भी अपने बयान से नहीं पलटी.
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छाया शर्मा इस बात का जिक्र करते हुए कहती हैं कि जब वह पहली बार सफदरगंज अस्पताल में पहली बार निर्भया से मिली थी तो उसकी हालत काफी खराब थी. उसकी हालत इतनी खराब थी कि वह बोल भी नहीं पा रही थी लेकिन आखिरी समय तक उसने हिम्मत नहीं हारी थी. छाया ने बताया कि इस तरह के निर्भया के साथ दोषियों ने काफी बर्बरता की थी. इस बात को सुप्रीम कोर्ट ने भी माना. उन्होंने बताया कि इस तरह के मामले में पीड़िता घबरा कर पूरा सच नहीं बता पाते हैं लेकिन निर्भया ने आखिरी दम तक हिम्मत नहीं हारी थी.
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बयान से नहीं पलटी निर्भया
निर्भया ने सबसे पहले अपना बयान अस्पताल के डॉक्टरों को दिया था. इसके बाद एसडीएम के सामने भी उससे यही बयान दिया. आखिरी में जज के सामने भी वह अपने बयान से नहीं पलटी. निर्भया ने तीनों के सामने एक ही बयान दिया और उसने अपने बयान में इतनी छोटी-छोटी बातें जज के सामने बताई जिससे दोषियों का बचना मुश्किल हो गया.
हादसे के 13 दिन बाद हुई थी मौत
निर्भया की हालत इतनी खराब थी कि उसके कई अंग ठीक से काम नहीं कर रहे थे. लगातार उसकी हालत खराब हो रही थी. उसे इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया लेकिन हादसे के 13 दिन बाद सिंगापुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
Source : News Nation Bureau