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1984 Sikh Riots Case( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसने 1984 में सिख समुदाय के लोगों के खिलाफ भड़के दंगे के संदर्भ में दिल्ली पुलिस की भूमिका को लेकर जस्टिस ढींगरा कमेटी की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है और इसके अनुसार काम करेगी. केंद्र ने कहा कि दिल्ली पुलिस की भूमिका पर कमिटी की रिपोर्ट को हम स्वीकार करते हैं और इसके अनुसार कार्रवाई भी करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमिटी मैनेजमेंट से जुड़े एसजीएस काहलोन को इससे संबंधित सुझाव और रिपोर्ट एसआईटी (SIT) को सौंपने का निर्देश दिया. याचिका में 1984 के सिख विरोधी दंगे में कई पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध बताई गई है.
The plea has sought inquiry into role of 62 policemen named in 1984 anti-Sikh riots case. https://t.co/aJAaIFkL92
— ANI (@ANI) January 15, 2020
बता दें कि 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में जस्टिस ढींगरा की अगुवाई वाली SIT ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. दंगे के संबंधित 186 पेज को सबूतों को अभाव में बंद कर दिया था. इस मामले को लेकर पीड़ित सुप्रीम कोर्ट गए थे. कोर्ट ने बंद पड़े केस को दोबारा खोलने के लिए SIT का गठन किया था. इसकी अगुवाई पूर्व जस्टिस ढींगरा कर रहे हैं. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है. इस कमेटी में जस्टिस ढींगरा के अलावा दो आईपीएस अधिकारी भी हैं.
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क्या था पूरा मामला
1984 के सिख विरोधी दंगे पूर्व भारतीय पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली से शुरू हुए थे. 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की उनके दो सिख गार्ड ने हत्या कर दी थी. दिल्ली से शुरू होकर दंगे देश के कई हिस्सों में फैल गए थे. इन दंगों में दिल्ली में ही 2733 लोगों की जान गई थी. वहीं बता दें कि कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने उम्रकैद की सजा सुनाई है.
Source : News Nation Bureau