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केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का पता बताने वाले को इस गांव के लोग देंगे 15000 रुपये, जानिए वजह

हरिवंशपुर गांव के स्थानीय लोगों ने पोस्टर, तख्ती और बैनर पर केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का पता बताने वाले को 15000 रुपये और उनके स्थानीय विधायक का पता बताने वाले को 5000 रुपये का ईनाम देने का ऐलान कर दिया है.

Updated on: 22 Jun 2019, 06:59 PM

highlights

  • बिहार के इस गांव के लोगों ने रखा ईनाम
  • केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का पता देने वाले को ईनाम
  • इस गांव में चमकी बुखार के चलते हुई 7 बच्चों की मौत

नई दिल्ली:

बिहार के वैशाली जिले में हरिवंशपुर गांव के स्थानीय लोगों ने पोस्टर, तख्ती और बैनर पर केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का पता बताने वाले को 15000 रुपये और उनके स्थानीय विधायक का पता बताने वाले को 5000 रुपये का ईनाम देने का ऐलान कर दिया है. ग्रामीणों का आरोप है कि बिहार में फैले चमकी बुखार के चलते इस गांव में 7 बच्चों की मौत हो गई, लेकिन अब तक कोई भी सांसद या विधायक इस गांव के लोगों को सांत्वना देने नहीं पहुंचा. आपको बता दें कि लगभग एक महीने से बिहार में चमकी बुखार के चलते अब तक 150 से भी ज्यादा बच्चों ने अपनी जान गवां दी है लेकिन प्रशासन ने अबतक इस बुखार से निपटने का कोई भी कारगर कदम नहीं उठाया है.

आपको बता दें कि शुक्रवार को लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था. पासवान ने बिहार विधानसभा पहुंचकर राज्यसभा चुनाव के लिए नियुक्त निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपना नामांकन दाखिल किया. इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी राम विलास पासवान के साथ मौजूद रहे.

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नामांकन दाखिल करने के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया पर नाराजगी भी जाहिर कर दी थी. आपको बता दें कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री और एलजेपी सुप्रीमों रामविलास पासवान के साथ उनके राज्यसभा के नामांकन के लिए गए थे. वहां पहुंचते ही मीडियाकर्मियों ने नीतीश कुमार को देखकर सवालों की झड़ी लगा दी. वहां मौजूद कैमरों के फ्लैश अचानक से नीतीश कुमार की ओर घूम गए. पत्रकारों ने सीएम नीतीश कुमार से बिहार में चमकी नामक बीमारी से हो रहे बच्चों की मौतों पर सवाल पूछ लिए. जिससे नाराज नीतीश कुमार ने पत्रकारों को बोल दिया कि आपकी जगह यहां नहीं है इतना सुनते ही मार्शलों ने पत्रकारों को बाहर निकाल दिया. 

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